अससलामु अलैकुम नाज़रीन आज हम आपकी खिदमत मे Allah Ke Zikr Ka Tarika लेकर हाजिर हुए है । उम्मीद है की आप सब खैरियत से होंगे । दोस्तों आपने कभी ये सोचा है की अल्लाह का जिक्र क्या है और इसके करने से कोई फ़ायदा भी होता है या हम अल्लाह का जिक्र क्यू करते है ?
आज हम आपको Allah Ke Zikr Ki Fazilat के बारे मे भी बताएंगे , लेख को आखिर तक लाज़मी पढे ताकि आपको इस मौजू पर मुकम्मल जानकारी मिल सके ।
Allah Ke Zikr Ka Tarika
नाज़रीन अल्लाह के जिक्र का मतलब ये है के अल्लाह को याद करना या अल्लाह को पुकारना , इंसान हो या जिन या फिर कोई भी शे हो सब के सब अल्लाह के मुहताज है अल्लाह ने हमे सिर्फ उसकी इबादत और उसकी तारीफ बयान करने के लिए बनाया है ।
लेकिन बहुत ही शर्म की बात है आज हम Allah Ke Zikr और इसकी अहमियत से बिल्कुल ग़ाफ़िल है । शैतान ने हमारे ऊपर काबू पा लिया है , जिसकी वजह से हमारा दिल अल्लाह के जिक्र से बिल्कुल हट गया है ।
नाज़रीन अगर आप अपने दिल को सुकून देना चाहते है और दुनिया व आखिरत के लिए आफ़ियत चाहते है तो सिर्फ अल्लाह का जिक्र करे , क्यूंकी ये हमारी शैतान से हिफाजत फरमाता है और हमारे नफ़्स को पाकीज़गी देता है ।
तो आइए देखते है की वो कौन से जिक्र – अज़कार है जिनसे हम दुनिया और आखिरत दोनों मे फायदा हासिल कर सकते है ।
Allah Ke Zikr Ki Iqsam
दोस्तों अल्लाह के जिक्र की 3 किस्म है , यानि आप Allah Ke Zikr Ka Tarika 3 तरह से अपना सकते है । नमाज़ , कुरान और जिक्र-ओ-अज़कार ।
अल्लाह ने हमारे ऊपर 5 वक़्त की नमाज़ फर्ज की है , जिसमे हम अल्लाह को याद करते है उससे दुआ मांगते है और अल्लाह की तारीफ बयान करते है ।
इसी तरीके से कुरान पढ़ना भी अल्लाह का जिक्र करना है , कुछ उलमा कहते है की अगर आप अल्लाह की बाते सुनना चाहते है तो कुरान की तिलावत कर लिया करे । कुरान मजीद मे अल्लाह तआला ने बहुत जगह पर अपनी इबादत का जिक्र किया है , अल्लाह तआला खुद फरमाते है कि ,
मैंने जिन्नों और इंसानों को अपनी इबादत के सिवा किसी काम के लिए पैदा नहीं किया ।
अल्लाह का इरशाद है , हमने तुमसे पहले जो भी रसूल भेजा है उसको यही (वही) भेजी के मेरे सिवा कोई मआबूद नहीं पस तुम मेरी ही बंदगी करो ।
Allah Ke Zikr Ki Fazilat Hadees Ki Roshni Me
रसूल अल्लाह सल्ल ० ने बतलाया के अल्लाह तआला के कुछ फ़रिश्ते (इस काम पर मामूर) है के रास्तों मे घूम फिरकर अल्लाह का जिक्र करने वालों को तलाश करते रहते है , पस जब वो किसी जमात को अल्लाह का जिक्र करते हुए पाते है तो आपस मे एक दूसरे को आवाज देते है , कि
आओ अपने मकसूद जिक्र अल्लाह की तरफ आ जाओ तो वो सब फ़रिश्ते मिलकर आसमाने दुनिया तक अल्लाह का जिक्र करने वालों को अपने बाजुओ के साये मे ले लेते है ।
एक हदीस मे ये है ,
अल्लाह के नेक बंदे वो है जो अल्लाह के जिक्र के लिए सूरज , चाँद- सितारों और सायों और हलाल की देख भाल रखते है ( हर वक़्त और हर मौके के मुनासिब अल्लाह का जिक्र करते है) ।
एक हदीस मे हुज़ूर सल्ल ० इरशाद फरमाते है कि , तुम इतनी कसरत से अल्लाह का जिक्र किया करो के लोग तुमको दीवाना कहने लगे ।
रसूल अल्लाह सल्ल ० ने औरतों से खिताब करते हुए फरमाया तुम तसबीह (सुबहानअल्लाह) तक़दीस (सुबहानल मलिकिल कुद्दूस) और तहलील (ला इलाहा इल्लल लाहु) को अपने ऊपर लाज़िम कर लो और कभी इनसे ग़फ़लत ना करो के तुम अल्लाह की रहमत से महरूम कर दि जाओ ।
रसूल अल्लाह सल्ल ० ने इरशाद फरमाया , बेशक वो लोग जिनकी जबाने हमेशा अल्लाह के जिक्र से तरोताज़ा रहती है , वो हँसते हुए जन्नत मे जाएंगे ।
Allah Ke Zikr Ke Adaab
उलमा (कुरान व हदीस) ने फरमाया है ,
- Allah Ke Zikr Ka Tarika ये है की जिक्र करने वाला ऐसी जगह बैठकर जिक्र करे जो तवज्जो और खयालात को ना हटाए ।
- जिक्र करने वाले की ज़बान और मुंह बिल्कुल पाक और साफ होना चाहिए , अगर किसी चीज की बू मुंह मे हो तो उसे मिसवाक वगैरह से जरूर दूर कर ले ।
- Allah Ke Zikr Ka Tarika बेहतर ये है के जिक्र करने वाला आजज़ी और इनकसारी , सुकून और इत्मीनान और अहतमाम व पूरी तवज्जो के साथ जिक्र के लिए बैठे ।
- जो भी अल्लाह का जिक्र करे उसके माइने और मफ़हूम को अच्छी तरह समझे और इन पर गौर व फिक्र करे ।
- रसूल अल्लाह सल्ल ० से मनकूल है के जब बंदह मुखतलिफ़ अज़कार मुखतलिफ़ हालात और मुखतलिफ़ औकात मे रात दिन , सुबह और शाम पाबंदी के साथ पढ़ता रहेगा तो अल्लाह के यहाँ कसरत से अल्लाह का जिक्र करने वाले मर्दों और औरतों मे शामिल हो जाएगा (जिनका जिक्र कुरान मे भी आया है) ।
- Allah Ke Zikr Ka Tarika बेहतर ये है के आप जब भी अल्लाह का जिक्र करे तो बा-वज़ू और क़िबला रुख होकर बैठे ।
नाज़रीन कुरान ए मजीद मे Zikrullah की बहुत बड़ी फ़ज़ीलत है अल्लाह तआला अहले ईमान वालों को ये नसीहत करते है की आप हमारा जिक्र चलते-फिरते , उठते-बैठते और सोते जागते हर हाल मे करते रहे ।
हदीस मे आया है के तुम्हारी ज़बान हर वक़्त अल्लाह के जिक्र से तर रहनी चाहिए ।
दोस्तों आप जब अपने काम से फ़ारिग़ हो जाए तो अल्लाह के जिक्र मे लग जाए क्यूंकी उस वक़्त आपका दिल Allah Ke Zikr मे ज्यादा लगेगा । वैसे अल्लाह का जिक्र हर वक़्त ज़बान पर रहना चाहिए ।
रसूल अल्लाह सल्ल ० ने Allah Ke Zikr Ka Tarika या जिक्र ओ अज़कार की मुखतलिफ़ किसमे और मुखतलिफ़ वक़्त बताये है ताकि हम उन्हे पढ़कर कुछ फ़ज़ीलत हासिल कर सके ।
आइए देखते है Allah Ke Zikr Ka Tarika या मसनून दुआ और अज़कार की क्या फ़ज़ीलत है । i
Zikr (1) : سُبْحَانَ اللّٰهِ وَالْحَمْدُ لِلّٰهِ وَلَآ اِلٰهَ اِلَّا اللّٰهُ وَاللّٰهُ اَكْبَرُ
फ़ज़ीलत : रसूल अल्लाह सल्ल ० इरशाद फरमाते है कि इस कलमे को 100 मर्तबा सुबह और 100 मर्तबा शाम मे पढ़ लिया करे ये कलमा मुझे , सूरज जमीन पर जितनी भी चीजों पर तुलु होता है उन तमाम चीजों से ज्यादा महबूब है यानि दुनिया की सारी चीजों से ज्यादा पसंद है ।
Zikr (2) : لَآ اِلٰهَ اِلَّا اللّٰهُ وَحْدَهُ لَا شَرِيْكَ لَهُ لَهُ الْمُلْكُ وَلَهُ الْحَمْدُ وَهُوَ عَلٰى كُلِّ شَيْءٍ قَدِيْرٌ
फ़ज़ीलत : रसूल अल्लाह सल्ल ० इरशाद फरमाते है की जो भी इस कलमे को 100 मर्तबा पढ़ेगा तो उसके आमाल मे 100 नेकियाँ लिखी जाएंगी और उसके 100 गुनाह माफ कर दिए जाएंगे और सारा दिन उसकी शैतान से हिफाजत रहेगी । उस दिन इससे ज्यादा नेकियाँ कोई नहीं कमा सकता सिवाये उसके जो इससे से ज्यादा पढे ।
Zikr (3) : سُبْحَانَ اللّٰهِ وَبِحَمْدِهٖ سُبْحَانَ اللّٰهِ الْعَظِيْمِ
फ़ज़ीलत : जो शख्स इस कलमे को 100 मर्तबा सुबह मे पढ़ता है तो उसके लिए एक लाख चौबीस हजार नेकियाँ लिखी जाती है , अल्लाह तआला के नजदीक ये कलमा पहाड़ की ब-कदर सोना खर्च करने से भी ज्यादा महबूब है और ये कलमा ज़बान पर हल्का और मेजान मे भारी है ।
Zikr (4) : جَزَى اللّٰهُ عَنَّا مُحَمَّدً امَّا هُوَ اَهْلُهُ
फ़ज़ीलत : ये दुआ नबी करीम सल्ल ० के लिए है जो इसको एक बार पढ़ता है तो उसके लिए 70 हजार फ़रिश्ते एक साल तक नेकियाँ लिखते रहते है ।
Zikr (5) : لَا حَوْلَ وَلَا قُوَّةَ اِلَّا بِاللّٰهِ
फ़ज़ीलत : ये दुआ 99 बीमारियों की दवा है जिसमे सबसे हल्की बीमारी फिक्र और परेशानी है ।
जरूरी बात : Allah Ke Zikr Ka Tarika ये है की आप जो भी अज़कार पढे उसके मैंने और मफ़हूम को भी ध्यान मे अखे ताकि आपको अल्लाह के जिक्र की अहमियत और फ़ज़ीलत भी मालूम हो जाए ।
नाज़रीन इसके अलावा भी बहुत सा Allah Ke Zikr Ka Tarika या मसनून दुआ है जिन्हे आप वक़्त निकालकर पढ़ सकते है । अगर आप और भी ज्यादा 60 + Masnoon Dua In Hindi याद करना चाहते है , तो इसे पढे ।
आज आपने क्या सीखा ।
नाज़रीन आज आपने Allah Ke Zikr Ka Tarika और इसके करने से क्या फायदा हासिल होता है इसके बारे मे सीखा है । आज आपने Allah Ke Zikr की फ़ज़ीलत हदीस मे क्या है इसके बारे मे भी जाना है । अगर इस पोस्ट मे कोई गलती हो तो बराये मेहरबानी आप बता सकते है , अससलामु अलैकुम ।