अस्सलामु अलैकुम दोस्तों आज के इस आर्टिकल मे हम आपको ऐसी दुआ बताने वाले है जिसे पढ़ कर आप अपनी दीन और दुनिया दोनों को सुधार सकते है | दोस्तों आज की इस पोस्ट मे हम आपको tauba astaghfar ki fazilat और astaghfar ki dua बताएंगे |
सबसे पहले हमे tauba ओर istighfar meaning in hindi मालूम होना बहुत जरूरी है क्यूंकि बहुत से लोगों को इनका मतलब भी नहीं पता होता है | दरअसल इसतग़फ़र के माइने होते है अपने पिछले गुनाहों की बख्शीश और मगफिरत की दुआ अल्लाह तआला से करना | तौबा का मतलब ये है कि इंसान अपने गुनाहों पर शर्मिंदा हो और आइंदह अपने गुनाहों से बआज़ आने का पुख्ता (पक्का) इरादा करे |
गुनाहों से अगर बआज़ आए और करे तौबा तो तमाम आसमानी बलाये दूर होंगी | शैतान इंसान का खुला दुश्मन है | शैतान तो कामिल ऐ ईमान वाले को भी बहकाता है लेकिन जिसके साथ अल्लाह है भला उसे शैतान कैसे नुकसान पहुचा सकता है |अल्लाह तो उसी नेक बंदे के साथ हो सकता है जो उसकी इबादत करे और अपने गुनाहों की astaghfar करता रहे | तो आज हम आपको इसी बारे मे बताने वाले है और astaghfar ki fazilat भी बताएंगे |
दोस्तों toba astaghfar करने से अल्लाह तआला गुनाह तो माफ करता ही है साथ मे जो इनाम अल्लाह तआला ने दिए है उनका तो हमसे शुक्र भी अदा नहीं हो सकता | अल्लाह तो राज़िक़ है महरबान है और तमाम तारीफ़ें अल्लाह ही के लिए है | क्यूंकि जब हम सच्चे दिल से astaghfar करते है तो अल्लाह हमारे गुनाह तो माफ करता ही है साथ मे हमे बहुत सारी नियामत अता फरमाता है या बहुत सी फ़ज़ीलत अता फरमाता है |
कुरान ऐ मजीद मे भी तौबा अस्तगफ़ार की बार बार ताकीद फरमाई गई है | तौबा अस्तगफ़ार करने से अल्लाह तआला की नियमते हासिल होती है , मुश्किलों से निजात मिलती है और रिज्क मे इजाफा होता है और इसके पढ़ने वाले की ताकत और कुव्वत बढ़ा दी जाती है |
यहां पर हम आपको कुछ astaghfar ki dua और tauba astaghfar ki fazilat बता रहे है |
astaghfar ki dua
اَللّٰهُمَّ اَنْتَ رَبِّىْ لَآ اِلٰهَ اِلَّآ اَنْتَ خَلَقْتَنِىْ وَاَنَا عَبْدُكَ
وَاَنَا عَلٰى عَهْدِكَ
وَوَعْدِكَ مَا اسْتَطَعْتُ اَعُوْذُ بِكَ
مِنْ شَرِّ مَا صَنَعْتُ
اَبُوْءُ لَكَ بِنِعْمَتِكَ عَلَىَّ وَاَبُوْءُ بِذَمْبِىْ
فَاغْفِرْ لِىْ فَاِنَّهُ لَا يَغْفِرُ الذُّنُوْبَ اِلَّآ اَنْتَ
sayedul astaghfar
अल्लाहुम्मा अन्ता रब्बी ला इलाहा इल्ला अ्न्त़ा खलकतनी व-अना अबदुका
व-अना अला अह-दिका व-वादिका मस् ता-तातु अ-अऊज़ु बिका
मिन शर्रि मा सनातु
अबू-उ लका बि-निमति का अलय्या व-अबू-उ बि-ज़म्बी
फग़ फिर ली फ-इन्नहू ला यग फिरुज्जुनूबा इल्ला अन्ता
astaghfar ki dua in english :
allahumma anta rabbi la ilaha illa anta khalaktani wa -ana abduka
wa- ana ala ahdika wa- wadika mas- ta- tatu aoodhu-bika min sharri ma- sanatu
aboo-u laka bini-matika alaiya wa-aboo-u
bizambi faghfirli fa-innahu-la
yagh-firuz-zunooba illa anta
तर्जुमा : ऐ अल्लाह तू ही मेरा पर्वर दिगार है , तेरे सिवा कोई मआबूद नहीं , तूने ही मुझे पैदा किया है और मै तेरा ही बंदा हु और मै तेरे वादे और अहद पर कायम हू | जितना मुझ से हो सका मै तुझ से माँगता /माँगती हु उन (तमाम गुनाहों) के शर से जो मेने किए है | और मेरे ऊपर् जो तेरी नैमते हाईऊनक एतराफ़ करता /करती हु और मै अपने गुनाहों का भी इकरार करता /करती हु, बस तू मेरे गुनाहों को बख्श दे इस लिए के तेरे सिवा और कोई गुनाहों को नहीं बख्श सकता |
फ़ज़ीलत ; sayedul astaghfar तमाम अस्तगफ़ार की सरदार है और इसकी फ़ज़ीलत भी सबसे बड़ी है | नबी करीम सल्ल. ने फरमाया sayedul astaghfar के ये कलामात जो शख्स सुबह को दिल के पुर यकीन के साथ sayedul astaghfar को पढे और फिर उसी रोज इंतिकाल हो जाए तो तो वो जन्नती है | और जो शख्स रात को यकीन के साथ पढे और सुबह होने से पहले वफ़ात प जाए तो वो जन्नती है | ( बुखारी शरीफ )
दूसरी astaghfar ki dua
اَسْتَغْفِرُ اللّٰهَ الَّذِىْ لَآ اِلٰهَ اِلَّا هُوَ الْحَىُّ الْقَيُّوْمُ وَاَتُوْبُ اِلَيْهِ
toba astaghfar in hindi :
अस्तग्फिरुल्ला हल् लजी ला इलाहा इल्ला हुवा
अल हय्युल कय्यूमु वा अतुबू इलैही |
तर्जुमा : मे अल्लाह से मगफिरत तलब करता हु जिसके सिवा कोई इबादत के लायक नहीं | वही जिंदा और कायम रहने वाला है और मे इसकी तरफ रुजू करता हु |
तीसरी astaghfar ki dua
اَسْتَغْفِرُ اللّٰهَ رَبِّىْ مِنْ كُلِّ ذَمْبٍ وَّاَتُوْبُ اِلَيْهِ
istighfar meaning in hindi ;
अस्तग्फिरुल लाहा रब्बी मिन कुल्लि जम्बी न वा अतूबू इलैही
tauba astaghfar ki fazilat
हज़रत अब्दुल्ला बिन अब्बास रजि. रिवायत करते है के नबी करीम सल्ल. ने इरशाद फरमाया जो शख्स पाबंदी से अस्तगफ़ार करता रहता है | अल्लाह ताला इसके लिए हर तंगी से निकलने का रस्ता बना देते है | और हर गम से उसे निजात अता फरमाते है और उसे ऐसी जगह से रोजी अता फरमाते है जहा से उसको गुमान बहिउ नहीं होता और साथ मे उसके सारे गुन्हा माफ कर देते है |
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conclusion
toba astaghfar मे जितनी जल्दी की जाए उतना ही बेहतर है जैसे ही कोई गुन्हा सरजद हो तो फोरन अल्लाह ताला के हुज़ूर सरे निदामत झुकाकर अपने क़ुसूर और कोताही की माफी माँगनी चाहिए | वरना मरते दम तक शैतान की यही कोशिश होती है कि वो दिल मे ये खुश फहमी पैदा करता है कि अभी तो तुम्हारी उमर ही क्या है , बाद मे तौबा कर लेना | यहां तक के मौत सर पर आ जाती है और इंसान तौबा से महरूम होकर तबाह और बर्बाद हो जाता है |
सबसे अहम बात ये है कि तौबा सिर्फ ज़बान की काफी नहीं है क्यूंकि असली और सच्ची तौबा ये है के इंसान सच्चे दिल से अहद करे के आइंदह इस गुनाह के करीब नहीं जाएगा | तब ही हमारे गुनाह माफ होंगे और अल्लाह की नियमते हासिल होंगी | कुरान ऐ करीम का इरशाद है:
ऐ ईमान वालों , अल्लाह के हुज़ूर सच्ची तौबा करो |