Ayat e hifazat | 16 ayat e hifazat in 2022

अस्सलामु अलैकुम मेरे सभी प्यारे दोस्तों को | उम्मीद है की आप सब खैरियत से होंगे | दोस्तों आज हम आपको ayat e hifazat की दुआ बताने वाले है | जिसे जानना हर किसी के लिए जरूरी है | आपको इसके नाम से मालूम हो गया होगा की ये हिफाजत की दुआ है |

इसे hifazat e quran ayat या 16 ayat e hifazat के नाम से भी हम जान सकते है | इसमे कुरान की 16 आयात मौजूद है | जिसके पढ़ने से अल्लाह हमारी हिफाजत तो करता ही है साथ इसकी तिलावत से जो इनाम मिलते है वो भी हम आपको यहां बताएंगे |

आप पोस्ट को आखिर तक पढे ताकि आपको इसके पढ़ने की फ़ज़ीलत का भी पता चा जाएगा | क्यूंकि इसके पढ़ने की बहुत सारी फ़ज़ीलते है | दोस्तों इन आयतों को पढ़कर हम अल्लाह की हिफाजत मे आ जाते है | जिससे दुनिया की कोई भी शे हमे कोई नुकसान नहीं पहुंचाएगी |

तो आइए देखते है कि वो कौन सी hifazat e quran ayat जिसे पढ़कर हम अल्लाह की हिफाजत मे आ जाते है | यहां हम आपको इन आयतों का तर्जुमा भी बताएंगे ताकि आपको इनका मतलब भी समझ मे आ सके |

Ayat e hifazat

यहां हम आपको 16 ayat e hifazat बता रहे है |

وَلَا يَؤُدُهُ حِفْظُهُمَا وَهُوَ الْعَلِىُّ الْعَظِيْمُ

तर्जुमा : और इन सब की हिफाजत करने मे वो कभी थकता नहीं वो बहुत आलीशान और अज़ीम शान है |                                               (बकरा : 255)

 

فَاللّٰهُ خَيْرٌ حَافِظًا وَّهُوَ اَرْحَمُ الرّٰحِمِيْنَ

तर्जुमा : बेहतर हिफाजत करने वाला तो सिर्फ अल्लाह ही है और वही सब मेहरबानों से ज्यादा मेहरबान है |                                             (यूसुफ : 64 )

 

وَحِفْظًا مَّنْ كُلِّ شَيْطَانٍ مَّارِدٍ

तर्जुमा : आसमान को हमने शैतान मरदूद के शर से महफूज कर दिया |                                                                                                   (साफ़फात : 7)

 

وَحِفْظًا ذٰلِكَ تَقْدِيْرُ الْعَزِيْزِ الْعَلِيْمِ

तर्जुमा : मुकम्मल हिफाजत है , ये अंदाजा बांधा हुआ है गालिब इल्म वाले का |                                                                                         (हामीम  सजदा : 12)

 

وَحَفِظْنٰهَا مِنْ كُلِّ شَيْطَانِ رَّجِيْمٍ

तर्जुमा : और आसमान की हिफाजत के लिए हमने शैतान मरदूद पर  अंगारों का पथराऊ जारी कर दिया |                                               (हिज़्र  : 17)

 

اِنْ كُلُّ نَفْسٍ لَّمَّا عَلَيْهَا حَافِظٌ

तर्जुमा : ऐसी कोई भी जान नहीं है के इस पर मुहाफ़िज़ मुकर्रर न हो |                                                                                                     ( तारिक : 4)

 

بَلْ هُوَ قُرْاٰنٌ مَّجِيْدٌ فِىْ لَوْحٍ مَّحْفُوْظٍ

तर्जुमा : बल्कि ये तो वो कुरान है जो बड़ी शान वाला है जैसा लोहे महफूज मे था वैसा ही यहां आया है |                                                     (बुरुज : 21-22)

 

وَيُرْسِلُ عَلَيْكُمْ حَفَظَةً

तर्जुमा : अल्लाह तुम पर हिफाजत करने वाला पहरेदार भेजता है |                                                                                                          (इनाम : 61)

 

اِنَّ رَبِّىْ عَلٰى كُلِّ شَىْءٍ حَفِيْظٌ

तर्जुमा : बेशक मेरा अल्लाह हर चीज पर खुद ही निगहबान और हिफाजत करने वाला है | (हूद -57)

 

لَهُ مُعَقِّبَاتٌ مِّمْ بَيْنِ يَدَيْهِ وَمِنْ خَلْفِهٖ يَحْفَظُوْنَهُ مِنْ اَمْرِ اللّٰهِ

तर्जुमा : अल्लाह ने हर शख्स के आगे-पीछे लगे हुए चौकीदार मुकर्रर कर दिए है जो अल्लाह के हुक्म से आदमी की हिफाजत करते है |   (रआद : 11)

 

اِنَّا نَحْنُ نَزَّلْنَا الذِّكْرَ وَاِنَّا لَهُ لَحَافِظُوْنَ

तर्जुमा : बेशक इस नसीहत नामे को हमने नाज़िल फरमाया है और यकीनन हम इसकी हिफाजत करेंगे |                                                (हिज़्र : 9)

 

وَكُنَّا لَهُمْ حٰفِظِيْنَ

तर्जुमा : और इन सब की हिफाजत करने वाले हम थे |                                                                                                                            (अंबिया : 82)

 

وَرَبُّكَ عَلٰى كُلِّ شَىْءٍ حَفِيْظٌ

तर्जुमा : जब के आप का रब तो हर चीज की खुद ही हिफाजत करने वाला है |                                                                                         (सबा  : 21)

 

اَللّٰهُ حَفِيْظٌ عَلَيْهِمْ وَمَآ اَنْتَ عَلَيْهِمْ بَوَكِيْلٍ

तर्जुमा : इनकी हिफाजत सिर्फ अल्लाह करता है उनकी निगरानी आप की जिम्मेदारी नहीं |                                                                    (शुरा  : 6)

 

وَعِنْدَنَا كِتَابٌ حَفِيْظٌ

तर्जुमा : हमारे पास हिफाजत का दस्तूर लिखा हुआ मौजूद है |                                                                                                                (क़ाफ : 4)

 

وَاِنَّ عَلَيْكُمْ لَحٰفِظِيْنَ

तर्जुमा : और बेशक तुम पर हिफाजत करने वाले फ़रिश्ते मुकर्रर है |                                                                                                        (इनफ़ीतार : 10)

इसके पढ़ने का तरीका बहुत ही आसान है आप किसी भी वक़्त मे या फिर रात मे इन आयतों को 1 मर्तबा पढ़कर अपने सारे बदन पर फूँक मार ले |

Ayat e hifazat / hifazat e quran ayat ki fazilat

दोस्तों ayat e hifazat के पढ़ने से अल्लाह हमारी हिफाजत तो फरमाते ही है | साथ मे इन आयतों के पढ़ने के बहुत से इनाम अता फरमाते है | वो बहुत से इनाम या फिर ये कहे फायदे ऐसे है जिनकी जरूरत हर अच्छे खासे इंसान को है | यहां हम आपको कुछ फायदे बता देरहे है | जिनसे आपको बहुत फायदा होने वाला है |

दुश्मनों से हिफाजत :

दोस्तों इसकी सबसे बड़ी फ़ज़ीलत ये है के जो इन आयतों को रोज पढ़ने की आदत बना लेता है तो अल्लाह उसके दुश्मनों से इसकी हिफाजत फरमाता है | बहुत से लोग ऐसे होते है की दूसरों की खुशी से या उनकी कामयाबी से हसद करते है | लेकिन उन्हे बे फिक्र रहना चाहिए क्यूंकि वो इन आयतों की तिलावत करते है | इंसान का सबसे बड़ा दुश्मन शैतान भी है | जो शख्स ayat e hifazat रोज पढ़ेगा तो अल्लाह शैतान से भी उसकी हिफाजत फरमाएगा |

बीमारी से शिफ़ा :

दोस्तों जो इन आयतों को रोजाना पढ़ेगा तो वो हर बीमारी से बच सकता है | चाहे बीमारी छोटी हो या बड़ी हर तरह की बीमारी से महफूज रहेगा |आप इस बात पर खुद ही गौर फरमा सकते है की जब हम ayat e hifazat रोज पढ़ेंगे तो आप और हम हर बुरी चीज या हर बड़ी बीमारी से बच सकते है | क्यूंकि हम अल्लाह की हिफाजत मे है और जो अल्लाह की हिफाजत मे होगा उसे कोई भी चीज नुकसान नहीं पहुंचाएगी | लेकिन इसके साथ साथ हमे नमाज़ का एहतमाम करना भी जरूरी है और जो काम अल्लाह के नबी ने नापसंद फरमाए है उनसे बचना भी जरूरी है | तब ही हमे कुछ फायदे हासिल हो सकते है |

मुसीबत और परेशानी मे मददगार :

आज का दौर ऐसा है कोई भी ऐसा शख्स नहीं है के खुश है या अपनी ज़िंदगी सुकून से गुज़ार रहा है | हर कोई अपनी टेंशन मे मुब्तला है | दोस्तों  हमारी सबसे बड़ी परेशानी क्या है की हमारी कोई भी दुआ कुबूल नहीं होती या जो भी वजीफा करते है उससे कोई फायदा नहीं होता | इन सब की एक ही वजह है की हमारे ईमान बहुत कमजोर है और अल्लाह के प्रति हमारा यकीन भी बहुत ही कमजोर है |

लेकिन हमे अल्लाह की जात से कभी मायूस नहीं होना चाहिए | क्यूंकि जब हमारे ऊपर कोई बहुत बड़ी मुसीबत या कोई परेशानी आती है | तो वो अल्लाह की आजमाइश होती है और जो इस आजमाइश मे अल्लाह को याद करता है और जिक्र और अजकार का एहतमाम करता है और ayat e hifazat पढ़ता तो अल्लाह हमे उस मुसीबत या परेशानी से निकालता है | लेकिन हमसे सब्र नहीं होता | अल्लाह सब्र करने वालों को बहुत पसंद फरमाता है | जब हम सब्र करने लगते है तो अल्लाह खुद ही हमारे हर काम को आसान कर देता है | इसलिए हमे अल्लाह पर यकीन रखना चाहिए |

तिजारती (व्यापार) कर्ज से निजात :

बहुत से ऐसे हजरात है या भाई बहन है | जिनके ऊपर कारोबार की वजह से या किसी और वजह से बहुत कर्ज हो गया है और वो परेशान है | लेकिन वो घबराए नहीं क्यूंकि अल्लाह ने अपने बंदों को हर मुश्किल से निकलने का रास्ता कुरान मजीद मे बताया है|

तो आप भी ayat e hifazat  पढिए और इनसे फायदा उठाइए | क्यूंकि इनकी तिलावत से हिफाजत तो होगी ही साथ मे आपके ऊपर चाहे जितना भी कर्ज हो अल्लाह की रहमत से सब अदा हो जाएगा ||

आज आपने क्या सीखा |

आज आपने ayat e hifazat  या hifazat e quran ayat को सीखा है | जिससे ये मालूम होता है की अल्लाह हमे 16 ayat e hifazat पढ़ने से दुश्मन से बचाता और इसके साथ साथ हमे बहुत से फायदे भी पहुंचाता है | जो हमने आपको ऊपर बताए है | उम्मीद है की आपको ये हमारी पोस्ट और हमारी छोटी सी नसीहत और अल्लाह की बाते पसंद आई होगी |

 

 

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