Bimar Ki Ayadat Ki Dua In Hindi-बीमार की अयादत का मसनून तरीका |

Bimar Ki Ayadat Ki Dua In Hindi , Arabic और इसका तर्जुमा आज हम आपको बताएंगे । जब आप किसी बीमार रिश्तेदार , पड़ोसी या किसी अहल खाना को देखने जाए  तो आप भी इस मसनून तरीके को अपनाए जिससे आपको सवाब भी मिलेगा और साथ मे नबी पाक सल्ल ० की सुन्नत भी जिंदह होगी ।

सबसे पहले Bimar Ki Ayadat Ki Dua In Hindi और Arabic मे तर्जुमे के साथ यहाँ हम आपको बता देते है , उसके बाद Ayadat Ka Sahi Tarika बताएंगे ।

Bimar Ki Ayadat Ki Dua In Hindi

ला-बासा तहूरुन इनशाल्लाह

अरबी मे ,

لَآ بَأسَ طَهُوْرٌ اِنْ شَآءَ اللّٰهُ

तर्जुमा : कुछ हर्ज नहीं इनशाल्लाह ये बीमारी तुमको गुनाहों से पाक करेगी ।

और 7 मर्तबा मरीज के शिफायाब होने की दूसरी दुआ पढे ,

Bimar Ki Ayadat Ki Dua In Hindi

अस-अलुल-लाहल अज़ीम रबबल अरशिल अज़ीम अईं यशफीयक

अरबी मे ,

اَسْاَلُ اللّٰهَ الْعَظِيْمِ رَبَّ الْعَرْشِ الْعَظِيْمِ اَنْ يَّشْفِيَكْ

तर्जुमा : मै अल्लाह से सवाल करता हु जो बड़ा है और बड़े अर्श का रब है के तुझे शिफ़ा दे ।

इसे भी पढे : Masnoon Dua In Hindi

Ayadat Ka Sahi Tarika

क्या जब हम किसी बीमार को देखने जाते है तो उसके लिए भी नबी पाक सल्ल ० ने कोई मसनून तरीका बताया है , जी बिल्कुल जब आप किसी बीमार की अयादात करने के लिए जाए तो सुन्नत पर अमल करने के एतबार से जाए ना की दुनिया के दिखावे या अहसान जतलाने के लिए जाए ।

जब हमारे नबी मुहम्मद सल्ल ० किसी बीमार की अयादत करने जाते तो उसके पास ज्यादा वक़्त ना ठहरते और जितनी देर मरीज के पास बेठते तब तक उसके लिए शिफ़ा की दुआ करते रहते ।

एक रिवायत मे लिखा है , हज़रत मुहम्मद सल्ल ० ने इरशाद फरमाया जिसने मरीज की अयादात की गोया उसने अल्लाह की अयादत की ।

अल्लाह तआला इतना महरबान है के अगर हम एक नेकी करते है , तो उसका बदला अल्लाह तआला हमे बहुत ज्यादा अता करते है । इसी तरह जब आप किसी बीमार को देखने जाते है तो अल्लाह तआला इस पर भी नेकी अता करता है , क्यूंकी ये नेक काम करना हुकुकूल इबाद मे आता है ।

लेकिन जब भी आप किसी की अयादत करने जाए तो सिरफ आपकी नियत यही होनी चाहिए कि मै अल्लाह की रज़ा के वास्ते जा रहा हु , कोई दुनियावी गरज से नहीं जा रहा हु , तो आपका जाना कुबूल भी होगा और साथ मे आपको सवाब भी मिलेगा ।

यहाँ हम आपको मरीज की अयादत के कुछ आदाब या Ayadat Ka Sahi Tarika बता देते है ।

  • जब भी आप किसी मरीज की अयादत के लिए जाए तो उससे खंदा पेशानी (खुश दिली) से पेश आए ।
  • मरीज की अयादत जब करने जाए तो उसके लिए कोई चीज या तौफ़ा वगैरह लेकर जाए , जो उसके लिए बेहतर हो ।
  • मरीज के पास ज्यादा व्क्त ना बैठे ताकि उसे तकलीफ ना पहुंचे ।
  • मरीज के पास बैठकर ये दुआ पढे जो हमने ऊपर Bimar Ki Ayadat Ki Dua In Hindi बताई है ।
  • मरीज के पास बैठकर उसे तसल्ली दिलाए या उससे ऐसी बाते करे जिससे उसका दिल खुश हो जाए ।
  • आप मरीज को कुछ हिदया पैसे वगैरह का भी दे सकते है , ताकि मरीज की दवा का खर्च पूरा हो सके ।
  • मरीज के सामने ऐसी बाते ना करे जिससे उसका दिल टूट जाए या ऐसी बाते ना करे जिससे मरीज को दिल शिकनी हो ।
  • मरीज से अपनी दुआ के लिए भी कहे अल्लाह बीमार शख्स की दुआ बहुत जल्द सुनता है ,  क्यूंकी जो बीमार होता है अल्लाह तआला उसकी बीमारी के सबब उसके तमाम गुनाह माफ कर देते है और उसे ऐसा कर देता है जैसे उसने कोई गुनाह किया ही न हो ।

नोट : मरीज कोई भी हो चाहे मुसलमान , सुन्नी , सीया या फिर गैर मुस्लिम या काफिर सब की अयादत करनी चाहिए ।

दोस्तों ये है बीमार की Ayadat Ka Sahi Tarika या आप ये बीमार की आयदत के आदाब अपनाइए , जिससे इनशाल्लाह आप बीमार की अयादत का हक भी अदा कर देंगे और साथ ही साथ आप अपनी आखिरत की कामयाबी का जरिया भी बना लेंगे ।

आज आपने क्या जाना ।

आज आपने Bimar Ki Ayadat Ki Dua In Hindi और किसी बीमार की अयादत का सही तरीका क्या है या फिर बीमार की अयादात के क्या आदाब है इसके बारे मे जाना है , अगर हमारी मुखतसर सी पोस्ट अच्छी लगी हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करे , ताकि उन्हे भी ऐसी जरूरी मालूमात मालूम हो सके ।

मिलते है अगली पोस्ट मे अससलामु अलैकुम वा रहमतुल लाही-वबा-रका-तुहू ।

 

 

 

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