अससलामुअलैकुम खुसआमदीद करता हु दोस्तों आपके अपने ब्लॉग islamicpathshala मे क्या आप जानते है chand raat ki fazilat कितनी बड़ी है ? दोस्तों ये तो आपको मालूम होगा ही की ये रमजान का आखिरी अशरा चल रहा है ।
इन दिनों बहुत सी खवातीन और लड़किया ईद की तय्यारी मे इतनी मशगूल हो जाती के इस रात की फ़ज़ीलत को भी भूल जाती है और मार्किटों मे शॉपिंग करती है घर की सफाई मे लगी रहती है जो बड़े ही अफसोस की बात है ।
इतना ही नहीं हमारे मर्द हजरात और नौजवान लड़के भी इस रात अपने कपड़ों की तय्यारी मे और घूमने फिरने सलून वगैरह मे ओर दूसरी चीजों मे निकाल देते है । हम लोग ये भुला देते है की Ramazan ki chand raat ki fazilat कितनी बड़ी है और हमे किस तरह इससे फायदा उठाना चाहिए ।
नाज़रीन आज हम आपको इस टॉपिक के बारे मे इखतिसार से बताने वाले है , इसलिए पोस्ट को आखिर तक लाज़मी पढे ।
Eid ki Chand Raat ki Fazilat
नाज़रीन यहाँ हम आपको इस रात की 5 बड़ी फ़ज़ीलत बताने जा रहे है जोकि हदीस से साबित है । इनशाल्लाह इन फ़ज़ीलतों को जानने के बाद आप भी अपनी Eid ki Chand Raat ki Fazilat को मिस नहीं करेंगे ।
वो 5 हदीस ये है ;
(1) हज़रत अब्दुल्लाह बिन अब्बास रजि० फरमाते है के नबी अकरम सल्ल ० ने इरशाद फरमाया जब ईद की रात होती है तो इसको लैलातूल जाइज़ा कहा जाता है यानि इनाम वाली रात । इस रात की फ़ज़ीलत ये है के अल्लाह तआला रोजेदारों को इनाम अता फरमाता है ।
(2) एक हदीस से रिवायत है के हुज़ूर सल्ल ० ने इरशाद फरमाया के chand raat ki fazilat ये है के इस रात रोजेदारों की मग़फिरत कर दि जाती है ।
(3) एक दूसरी हदीस मे लिखा है के हुज़ूर अससलातू वससलाम ने इरशाद फरमाया के रमज़ान की आखिरी रात मे रोजेदारों की मग़फिरत कर दि जाती है , सहाबा ने अर्ज किया या रसूल अल्लाह क्या वो रात लैलातूल क़द्र की रात है , तो आपने इरशाद फरमाया नहीं जब मेहनत करने वाला मेहनत कर लेता है मजदूरी करने वाला अपनी मजदूरी को पूरा कर लेता है तो उसे उसकी मेहनत और मजदूरी के बदले उसका अज्र (उजरत) दे दिया जाता है ।
इसी तरह जब रोजेदार रमज़ान के रोज़े रखता है तरावेह पढ़ता है और इबादत करता है और उन कामों से बचा रहता है जिन्हे अल्लाह ने नापसंद फरमाया है और नेक काम करता है तो उसे भी रमज़ान मुकम्मल होने के बाद इसका अज्र (उजरत) बदला दे दिया जाता है ।
ये भी chand raat ki fazilat कितनी बड़ी है क्यूंकी अल्लाह तो खज़ानो का मालिक है वो अपने रोजेदार बंदों को भी बहुत खास इनाम अता करता है ।
(4) हज़रत अबू उमामा रजि ० फरमाते है के हुज़ूर सल्ल ० ने इरशाद फरमाया के जो शख्स Eid Ul Fitar की रात मे अज्र और सवाब की नियत या उम्मीद रखते हुए अल्लाह की इबादत करता है तो अल्लाह तआला उसके दिल को आखिरत मे जिंदा रखेंगे , जिस दिन सब लोगों के दिल मुर्दा हो जाएंगे ।
(5) एक हदीस मे हुज़ूर अससलातू वससलाम ने इरशाद फरमाया के पाँच राते है जिनमे दुआ कुबूल होती है ,
- जुमे की रात
- रजब के महीने की पहली रात
- शाबान की 15 वी रात
- ईद उल फ़ितर की रात
- ईद उल अदहा की रात
ये है 5 बड़ी chand raat ki fazilat इनशाल्लाह उम्मीद करते है की आप भी इन हदीस को पढ़कर और इन पर अमल करके फायदा उठाए ।
ये भी पढे; Shab E Qadr Ki Fazilat – शब ऐ क़द्र की नमाज़ का तरीका |
जरूरी बात : इस रात की फ़ज़ीलत को शब ऐ क़द्र से ना मिलाए , कही ऐसा ना हो की आप इस रात की फ़ज़ीलत को ज्यादा अहमियत दे Shab E Qadr Ki Fazilat रमज़ान की चाँद रात की फ़ज़ीलत से बहुत बड़ी और अफजल है ।
chand raat ki Tasbeeh
दोस्तों chand raat ki Tasbeeh कोई खास नहीं है आप कोई भी तसबीह पढ़ सकते है जैसे (बीबी फातिमा तसबीह) इसके अलावा दुरूरद शरीफ की तसबीह और Ramzan Ke Akhri Ashre Ki Dua को कसरत से पढ़ सकते है । क्यूंकी ये रात भी रमज़ान के आखिरी अशरे मे ही आती है ।
इसलिए आप इसको लेकर बिल्कुल परेशान ना हो की chand raat ki Tasbeeh मे कोई खास दुआ या जिक्र ओ अज़कार करना पड़ता है ।
आज आपने क्या सीखा ।
आज आपने chand raat ki fazilat और इसके अलावा भी बहुत कुछ जाना है । अगर आपको हमारी पोस्ट थोड़ी भी जरूरी लगे तो इसे अपने फॅमिली और दोस्तों के साथ भी शेयर करे ताकि उन्हे भी Ramazan ki chand raat ki fazilat मालूम हो जाए और वह भी अल्लाह को राज़ी कर सके ।
इसके अलावा आज आपने ये भी जाना है के chand raat ki Tasbeeh कौन सी है या इस रात हमे क्या पढ़ना चाहिए ।