अस्सलामु अलैकुम वा रहमतुल लाही वबा रकातुहू मेरे सभी प्यारे दोस्तों को | उम्मीद है की आप सब खैरियत से होंगे | आज हम आपको dil ki bimari ki dua या dil ki bimari se shifa ki dua बताने वाले है |
दोस्तों अगर आप भी dil ki bimari से परेशान है या आपको heart attack जैसी खतरनाक बीमारी हो गई है | तो आप इस बात की बिल्कुल फिक्र न करे क्यूंकि आज हम आपके लिए dil bimari se shifa ki dua या heart attack se bachne ki dua लेकर आए है |
दोस्तों जब अल्लाह कोई बीमारी देता है तो शिफ़ा भी देना उसका ही काम है | हमे इस बात पर यकीन रखना चाहिए और कसरत से istaghfar करनी चाहिए क्यूंकि बीमारी मे अल्लाह से तौबा करते रहने पर हमारे गुनाह माफ होते है | ये बीमारी हमारे गुनाहों का कफ़फारा होती है |
यहां एक बात गौर करने की है की जब बीमारी से हमारे गुनाह माफ होते है तो बीमारी भी हमारे लिए एक नियामत ही है | ये बात बिल्कुल सही है लेकिन जो बीमारी अल्लाह की तरफ से मिली हो |
यहां हम आपको dil ki bimari ki dua दो बताएंगे | पोस्ट को आखिर तक पढे ताकि आपको dil ki bimari ki dua की पूरी जानकारी मिल सके |
dil ki bimari ki dua
dil ki bimari ki dua in urdu :
يَا قَوِىُّ الْقَادِرُ الْمُقْتَدِرُ قَوِّنِىْ قَلْبِىْ
dil ki bimari ki dua in hindi :
या क़विय्युल क़ादिरुल मुक़्तदिरू क़व्विनी क़लबी
पढ़ने का तरीका : इस दुआ को पढ़ने का तरीका ये है की आप हर farz namaz ke bad 3 मर्तबा darood sharif पढ़कर अपना सीधा हाथ क़ल्ब (दिल) पर रखकर इस दुआ को 7 मर्तबा पढे और फिर 3 मर्तबा darood sharif दोबारा पढ़नी है | अगर आप इस दुआ को पढ़ते रहेंगे तो आप दिल की बीमारियों सेमहफूज रहेंगे |
heart attack se bachne ki dua :
وَ لِيِرْبِطَ عَلٰى قُلُوْبِكُمْ وَيُثَبِّتَ بِهِ الْاَقْدَامَ
heart attack se bachne ki dua in hindi :
वलियर बिता अला क़ुलूबिकुम वा युसब्बिता बिहिल अक़दाम
पढ़ने का तरीका : इस दुआ के पढ़ने का तरीका ये है के आप सुबह और शाम मे 1-1 मर्तबा ya 3-3 मर्तबा darood sharif आगे पीछे पढे और बीच मे इस दुआ को 7 मर्तबा पढ़े | तो इनशाल्लाह आप heart attack और दिल की तमाम बीमारी से महफूज रहेंगे |
note : ये दोनों dil ki bimari se shifa ki dua है | आप चाहे दोनों दुआ पढ़ सकते है | ऊपर वाली भी heart attack se bachne ki dua है | अगर आप का दिल बहुत गमगीन रहता हो या आपका दिल सुकून मे न हो तो आप इस दुआ को पढे |
gham aur fikr ki dua :
فَاِنْ تَوَلَّوْ فَقُلْ حَسْبِىَ اللّٰهُ لَآ اِلٰهَ اِلَّا هُوَ عَلَيْهِ تَوَكَّلْتُ وَهُوَ رَبُّ الْعَرْشِ الْعَظِيْمُ
तर्जुमा : मेरे लिए अल्लाह तआला काफी है जिस के सिवा कोई मआबूद होने के लायक नहीं है | इस पर मैंने भरोसा कर लिया और वो ही अरशे अज़ीम का मालिक है |
फ़ज़ीलत : हज़रत अबु दाऊद रजि ० से रिवायत है के जनाब रसूल अल्लाह सल्ल ० ने फरमाया के जो भी इस दुआ को सुबह और शाम मे 7 मर्तबा पढ़ेगा | तो अल्लाह तआला उसके दुनिया और आखिरत के हर ग़म के लिए काफी हो जाएंगे |
मायूस न हो अहले जमीन अपनी खता से
तकदीर बदल जाती है मुज़तर की दुआ से
इसके अलावा आप रोजाना किसी भी नमाज़ के बाद 1 मर्तबा ayat e sakina पढ़ने की आदत बना ले | इस दुआ को पढ़ने से आपका दिल और दिमाग दोनों सुकून मे रहेंगे और आपका दिल मजबूत और रोशन रहेगा |
आज आपने क्या सीखा |
आज आपने dil ki bimari ki dua , dil ki bimari se shifa ki dua और heart attack se bachne ki dua इसके अलावा gham aur fikr ki dua को भी जाना है | उम्मीद है की आपको हमारी ये छोटी सी पोस्ट पसंद आई होगी | आप इन दुआ को पढिए और अपने ki duaसे महफूज रखिए | बेशक अल्लाह के कलाम मे शिफ़ा है |