अस्सलमुआलेकुम दोस्तों आपके अपने blog islamicpathshala मे आप सबको खुशामदीद | दोस्तों आज हम आपको ऐसे टॉपिक पर बताएंगे जिसका जानना हर मुसलमान का जरूरी है | यानि inteqal ki dua या किसी की मौत की खबर सुनने पर कोनसी mayyat ki dua पढ़नी चाहिए इसके बारे मे ही बताएंगे |
मौत का जिक्र कुरान और हदीस मे बड़ी कसरत से वारिद हुआ है |
kisi ka inteqal ho jaye to dua ये पढ़नी चाहिए |
inteqal ki dua
inteqal ki dua/ marne ke baad ki dua in arabic :
اِنَّا لِلّٰهِ وَ اِنَّآ اِلَيْهِ رٰجِعُوْنَ
inteqal ki dua in hindi :
इन्ना लिल्लाहि व इन्ना इलैहि राजि-ऊन
inteqal ki dua in english :
inna lillahi wa inna ilaihi raaji-oon
inteqal ki dua meaning in hindi :
हम सब अल्लाह ही की मख-लुक है और हमे उसी की तरफ लौटना है
note : यहां एक जरूरी बात आपको बता दे कि ये दुआ सख्त मुसीबत पेश आने पर भी पढ़ी जाती है| अब हम आपको मोमीन और बद शख्स की मौत की अलामत बताने जा रहे है जब किसी नेक बंदे की मौत करीब होती है तो उसकी मौत की ये अलामत (निशानी) होती है |
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नेक बंदे की मौत की अलामत
नेक अमल :
मुसनद अहमद की रिवायत है कि जो शख्स नेक अमल करते हुए मरता है ,यानि नमाज़ पढ़ते हुए या रोज़ा रखे हुए या कोई भी नेक काम करते हुए मौत आ जाए तो वो अल्लाह का नेक बंदा है|
अल्लाह की रज़ा :
मुसनद अहमद की रिवायत है कि जो शख्स कोई भी काम अल्लाह की रज़ा के लिए करता (मतलब बगैर रियाकारी के) तो मौत के बाद अल्लाह उसके चेहरे पर चमक पैदा कर देते है यानि उसके चेहरे को नूरानी बना देते है |
कलिमा :
अबु दाऊद की रिवायत है कि जो शख्स मरते वक़्त कलिमा पढ़ ले तो ये एक मोमीन बंदे की मौत की अलामत है |अल्लाह तआला हमे और हर मुसलमान को कलिमा की मौत अता फरमाए |
पसीना :
सुनन निसाई की रिवायत है, मरते वक्त जिसकी पेशानी से पसीना टपकता है तो ये एक अच्छी मौत की अलामत है| नबी करीम सल्ल की वफ़ात के वक्त उनकी पेशानी से पसीना जारी था | तो जिसके माथे से पसीना जारी होता हुआ देखे तो समझ जाए की ये अल्लाह का नेक बंदा है |
जुमा का दिन :
जामिया तिरमीजी की रिवायत है कि जो शख्स जुम्मे के दिन या रात मे फौत हो जाए तो ये नेक बंदे की मौत की अलामत है , क्यूंकि जो शख्स जुमा के दिन मरता है तो उसे अज़ाब ऐ कब्र नहीं होता है |
सूरह आला इमरान :
कुरान ऐ पाक की इस सूरह मे लिखा है कि जो शख्स अल्लाह की राह मे शहीद हो जाए तो वो अज़ाब ऐ कब्र से महफूज रहेगा | यानि जब कोई शहीद हो जाए तो ये भी अच्छी मौत की निशानी समझनी चाहिए |
बद (बुरे) मौत की अलामत |
बुरी मौत की सबसे बड़ी अलामत ये है की अल्लाह जब फरिश्तों को इंसान की रूह कब्ज करने लिए भेजता है तो उस शख्स का इस्तकबाल बदबूदार कफन और बुरे बुरे नामों से पुकारे और उसकी रूह बड़ी सख्ती के साथ निकाले तो ये सब बुरी मौत की अलामत है |
अगर हम दुनिया वी बुरी मौत की अलामत देखे तो सबसे बड़ी निशानी यही समझते है कि जब किसी शख्स की रूह बड़ी सख्ती के साथ निकलती है| तो इसे ही बुरीमौत की अलामत समझते है |
तो दोस्तों आप जब भी किसी की मौत की खबर सुने तो जो marne ki dua हम ने ऊपर् लिखी है उसे पढे और marne wale ke liye maghfirat ki dua करे और उसकी रूह को सवाब पहुचाए|
और उसके घर वालों के लिए sabr ki dua मांगे |
conclusion
दोस्तों आज हमे inteqal ki dua या mayyat ki dua सीखी जिससे हमे मालूम हुआ किसी के इंतेकाल के वक़्त कोनसी दुआ पढ़ी जाती है | आपकी जानकारी के लिए बता दे चाहे बूढ़ा आदमी हो या जवान आदमी इसी तरह बूढ़ी औरत हो या जवान या कोई बच्चा और नोजवाँ सभी के इंतेकाल पर यही inteqal ki dua पढ़ी जाती है |