Islam Me Aurat Ka Job Karna Kaisa Hai – इन 6 शर्तों से खवातीन बाहर काम कर सकती है ।

Islam Me Aurat Ka Job Karna Kaisa Hai क्या कोई औरत या लड़की जॉब कर सकती है , या फिर इस्लाम मे खवातीन और लड़कियों को जॉब करना हराम है अगर आप भी इस टॉपिक को  सर्च कर रही है तो आइए आज हम आपको मुकम्मल जानकारी के साथ बताएंगे की Islam Me Aurat Ka Job Karna Kaisa Hai ।

हमारे माशरे के लोग समझते है के इस्लाम मे औरत का जॉब करना हराम है और इस्लाम में औरत को जॉब  करने की इजाजत नहीं है लेकिन ऐसा बिलकुल भी नहीं है इस्लाम मे औरत का बाहर काम करना शरई अहकाम के मुताबिक जाइज़ है अगर आप Islam Me Aurat Ka Job Karna Kaisa Hai की  मुकम्मल जानकारी चाहती है तो आखिर तक इस पोस्ट को जरूर पढे ।

Islam Me Aurat Ka Job Karna Kaisa Hai

हमारी बहुत सी बहने माशाअल्लाह टीचर है , डॉक्टर , इंजीनियर , पायलट है और बहुत सी अच्छी बिजनेसवुमन भी है ये बहने ऑनलाइन भी काम करती है और ऑफलाइन भी काम करती है ।

इस्लाम मे औरत को जॉब करने की इजाजत दि गई है अगर कोई लड़की जॉब करना चाहती है तो वो अपने वालिद और भाई की इजाजत और शरई अहकाम के मुताबिक जॉब कर सकती है इसी तरह अगर कोई औरत जॉब करना चाहती है तो वो अपने शोहर की इजाजत से जॉब कर सकती है ।

लेकिन आपको एक जरूरी बात बता दे की कुरान मजीद मे अल्लाह तआला ने औरतों को घर की चारदीवारी मे रहने का हुक्म दिया है  , इस्लाम कहता है के औरत की ज़िम्मेदारी और उसके बच्चों की जिम्मेदारी उसके शोहर के जिम्मे है , इसलिए उसका जॉब करना जरूरी नहीं है ।

लेकिन बहुत सी खवातीन और लड़कियां जॉब शौक के लिए नहीं बल्कि मजबूरी की वजह से करती है , या तो उनके भाई , बाप नौकरी के काबिल नहीं है या बिमारी की वजह से किसी का इंतकाल हो गया है या और कोई वजह से औरत या लड़की नौकरी करती है ।

6 sharto Se Islam Me Aurat Ka Job Karna Jaiz Hai

अगर आप भी नौकरी करती है तो इस्लाम की इन 6 शर्तों को पूरा करे तब ही आपकी जॉब जाइज़ होगी  ,

  1. अगर आप कहीं बाहर जॉब करती है तो सबसे पहले आपके लिए जरूरी है के आपका कपड़ा बारीक ना हो ताकि आपका सतर ना दिखे , औरत को अपने सतर (बदन) का छिपाना फर्ज है ।
  2. कपड़े बिल्कुल ढीले हो जिससे बदन का कोई हिस्सा ना दिखता हो और जितना इस्लाम मे औरत के लिए पर्दा बताया गया है इतना करना उसके लिए लाज़ीम है ।
  3. अगर आप किसी ऑफिस या फैक्ट्री वगैरह मे काम करती है तो वहाँ सिर्फ औरतों का हि इंतेजाम हो गैर मर्दों के साथ काम करना हराम और ना जाइज़ है ।
  4. अगर आप जॉब जाते वक़्त खुशबू वगैरह का इस्तेमाल करती है तो ये भी हराम है ।
  5. हमेशा गैर महरम से तनहाई मे बात वगैरह करना भी इस्लाम मे ना जाइज़ और हराम है और ड्राइवर के साथ अकेले ना आना जाना बेहतर है ।
  6. अगर कोई औरत नौकरी वगैरह कर रही है तो उसके आने या जाने मे किसी फितने का गुमान ना हो ।

अगर आप इन तमाम शर्तों को पूरा करती है तो आप जॉब कर सकती है , लेकिन आज के इस मॉडर्न जमाने मे इन तमाम शर्तों को पूरा करना किसी औरत या लड़की के लिए मुश्किल ही नहीं बल्कि ना मुमकिन भी है ।

क्यूंकी आज मुसलमान को बहुत बुरे नजरिए से देखा जाता है और गैर मुस्लिम लोग ये समझते है के जो मुसलमान औरत पर्दा करती है इन्हे कैद मे रखा गया है या जो घर मे रहती है उन्हे भी बहुत बुरा समझते है , लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं इस्लाम ने औरत को परदे मे रहने का हुक्म इसलिए फरमा दिया है ताकि वो लोगों की बुरी नजर से बच सके और अपने घर वालों का ख्याल रख सके अपनी औलाद की अच्छी तर्बियत कर सके ।

इसी तरह जो लोग ये समझते है की Islam Me Aurat Ka Job Karna Kaisa Hai या ये कहते है के ये जाइज़ नहीं , तो जरा गौर फरमाइए के आप लेडिज टीचर या डॉक्टर को ही क्यू अपने बच्चों के लिए  पसंद करते है , इसीलिए किसी भी चीज के बारे मे जब तक मुकम्मल जानकारी ना हो तब तक उसे हराम या ना जाइज़ कहना ठीक नहीं ।

इस्लाम मे औरत की जिम्मेदारी या उसका फर्ज ये है के वो अपने शोहर अपने बच्चों का खयाल रखे अपने बच्चों की अच्छी तर्बियत करे अगर कोई औरत इन जिम्मेदारी को पूरा करके भी और इन 6 शर्तों को पूरा कर सकती है (जो हमने आपको ऊपर बताई है ) तो Islam Me Aurat Ka Job Karna Jaiz Hai ।

अगर कोई औरत या लड़की इन शर्तों को पूरा नहीं करती तो इस्लाम उसे जॉब करने की इजाजत नहीं देता ।

किसी औरत या लड़की के लिए बेहतर ये है को वो कोई ऐसा काम करे जो उसे बाहर भी ना जाना पड़े और उसकी कमाई भी होती रहे , हमारे माशरे मे बहुत से काम ऐसे है जिन्हे औरते घर बैठे कर सकती है जैसे , सिलाई , कढ़ाई , ऑनलाइन कोई काम या और भी बहुत से काम ऐसे है जो घर मे रहकर कर सकती है ।

conclusion

आज हमने आपको बताया की Islam Me Aurat Ka Job Karna Kaisa Hai , या अगर कोई औरत , लड़की जॉब कर रही है तो क्या वो इस्लाम के शरई अहकाम के मुताबिक काम कर रही है , उम्मीद है की आपको ये पोस्ट समझ आ गई हो अगर इससे जुड़ी और कोई मालूमात जननी है तो आप हमसे राबता कर सकते है ।

अल्लाह तआला हम सबको और तमाम उम्मत ऐ मुस्लिमा को दीन के अहकाम जानने और उस पर अमल करने की तौफीक अता फरमाए ।

 

 

 

 

 

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