Kalma Tayyaba ki fazilat | 10 मर्तबा कलमा तययब पढ़ने की फ़ज़ीलत

अस्सलामु अलैकुम मेरे सभी भाइयों को आज मै आपको Kalma Tayyaba ki Fazilat के बारे मे बताने जा रहा हु। दोस्तों इसे कलमा तौहीद के नाम से भी हम लोग जानते है और Kalma Tayyaba हमारे दीन का सुतून (बुनियाद) है।

दोस्तों इस कलमे की अहमियत इतनी बड़ी के इसका इकरार करने वाला जन्नत मे जाएगा और इनकार करने वाला दौजख मे दाखिल होगा। आज हम लोग कलमा तो पढ़ते है लेकिन इसकी अहमियत को नहीं समझते और न ही इसके तक़ाज़ों को जानते है।

दोस्तों आज हम आपको Kalma Tayyaba ki Fazilat और इस कलमे को बताने जा रहे है । तो पोस्ट को आखिर तक लाज़मी पढे।

Kalma Tayyaba ki Fazilat

इसकी फ़ज़ीलत जानने से पहले हम ठोड़ी सी बात कलमे के बारे मे जान लेते है। दोस्तों कलमा पढ़ने की ताकत इतनी बड़ी है के जब तक दुनिया मे एक इंसान भी इसे पढ़ने वाला होगा तब तक क़यामत नहीं आएगी। दोस्तों अल्लाह तआला ने कुरान पाक मे बहुत जगह पर इसका जिक्र किया है।

हदीस मे Kalma Tayyaba ki Fazilat बहुत कसरत से आई है जो हमारे हुज़ूर सल्ल ० ने इरशाद फरमाई है। हमारे दुनिया मे आने से पहले हमने अल्लाह से एक वादा किया था और वो वादा कलमा तौहीद की गवाही थी इसका जिक्र कुरान पाक की एक सूरत मे भी है । जब कोई शख्स मुसलमान होता है तो उसे भी सबसे पहले कलमा ही पढ़ाया जाता है। ताकि वो किसी और को अपना खुदा न माने और सिर्फ अल्लाह ही की इबादत करे ।

दोस्तों हमारा दीन 5 चीजों पर टिका हुआ है , जिन्हे हम 5 Pillar of Islam भी कहते है । (1) कलमा या कलमा शहादत , (2) नमाज़ (नमाज़ के बाद की दुआ ) , (3) रोज़ा , (4) ज़कात और (5) हज  जिस तरह हमारे घर की बुनियाद मजबूत होती है तो हमारा घर भी मजबूत और टिकाऊ होता है । उसी तरह जब हमारा कलमा सही होगा तो और ये 4 चीज़े अपने आप ही मजबूत हो जाएंगी और हमे कामयाबी मिलना बहुत आसान होगी ।

Kalma Tayyaba

لَآ اِلٰهَ اِلَّا اللّٰهُ مُحَمَّدُ رَّسُوْلُ اللّٰهِ َ

Kalma Tayyaba in Hindi

ला इलाहा इल्लल्लाहु मुहम-मदुर रसूलुल-लाह 

तर्जुमा : नहीं कोई मआबूद (इबादत के लायक़) सिवाये अल्लाह के और मुहम्मद सल्ल ० अल्लाह के बंदे और रसूल (पैगम्बर) है ।

ये है kalma tauheed भी है , अब हम आपको Kalma Tayyaba ki fazilat के बारे मे बता रहे है।

Kalma Tayyaba ki Fazilat

दोस्तों Kalma Tayyaba ki Fazilat बहुत सारी है , लेकिन यहां हम आपको कुछ फ़ज़ीलतों के बारे मे बता देने जा रहे है । जब आप इन फ़ज़ीलत या इस कलमे की अहमियत को जानंगे तो इनशाल्लाह आप भी इसे कसरत से पढ़ना शुरू कर देंगे।

दोस्तों बा-वुजु जो इस कलमे को कसरत से पढता है तो अल्लाह तआला उसे ये नियामते अता फरमाता है :

मौत के बाद जन्नत मिलना

दोस्तों Kalma Tayyaba ki fazilat की ये एक अहम और बहुत बड़ी फ़ज़ीलत है के जो शख्स भी सच्चे दिल से अल्लाह का कलमा पढता हो और इसी कलमे को पढ़ते हुए उसकी मौत आ जाए तो वो सीधा जन्नत मे दाखिल होता है । लेकिन कलमा पढ़ने का मतलब ये नहीं के सिर्फ पढ़ना है बल्कि सच्चे दिल से इकरार करना है और इसके मुताबिक़ ज़िंदगी गुज़ारना और अल्लाह के बताए हुए हुक्मों को मानना भी जरूरी है ।

रसूल अल्लाह सल्ल ० ने इरशाद फरमाया के जब कोई बंदा ये कहता है या (Kalma Tayyaba पढता है) और इसी पर उसकी मौत आ जाती है यानि पढ़ते-पढ़ते उसकी मौत आ जाती है । तो वो सीधा जन्नत मे चला जाएगा। (सहीह बुखारी)

दुनिया और आखिरत मे निजात का जरिया

दोस्तों हर इंसान की ख्वाहिश और अल्लाह से यही दुआ होती है के अल्लाह हमे दोनों जहां (दुनिया और आखिरत) मे कामयाबी नसीब फरमा । क्यूंकि आज के दौर मे हर इंसान किसी न किसी परेशानी मे मुब्तला है और ये कलमा उन तमाम परेशानियों की निजात का जरिया है यहां तक की हमारे मरने के बाद भी निजात का जरिया बनेगा । तो इसके पढ़ने से हमे दुनयावी फायदा तो हासिल होगा ही यानि दुनिया की तमाम आफत और मुसीबत से बचने का जरिया बनेगा और आखिरत मे भी हमे कामयाबी दिलाएगा । तो ये भी Kalma Tayyaba ki fazilat हमे इसके पढ़ने से मिल सकती है।

एक मर्तबा अबूबकर सिद्दीक रजि ० ने रसूल अल्लाह सल्ल ० से दरयाफ्त फरमाया के ऐ नबी दीन मे निजात का जरिया क्या है ? तो आपने इरशाद फरमाया जो मेरा लाया हुआ कलमा (Kalma Tayyaba) पढ़ ले और दिल से कुबूल करले जिसकों मैंने अपने चाचा (अबु तालिब) पर पेश किया था और उन्होंने इसका इनकार कर दिया था , वो कलमा मानने वाले के लिए नजात है ।                                                                                                                                           (मुसनद अहमद)

कलमा तययबा इस्लाम की जड़

दोस्तों Kalma Tayyaba को जड़ की मिसाल दी गई है , यानि अगर एक झाड है तो उसकी जड़ pehla kalma है और इसकी शाखे हमारे आमाल है । इस्लाम की जड़ Kalma Tayyaba है जिसका मजबूत होना बहुत जरूरी है और इसकी शाखे हमारे आमाल ( नमाज़ , रोज़ा , हज , ज़कात , खैरात , सदक़ा , जिहाद और तमाम नेक काम करना और बुरे कामों से बचना) है जो पेड़ की शाखे है। जब हमारी जड़ मजबूत होती है तो हमारी शाखे भी अपने आप मज़बूत हो जाएंगी ।

रसूल अल्लाह सल्ल ० ने इरशाद फरमाया के ईमान की 70 से ज्यादा शाखे है और इनमे सबसे बेहतरीन शाख ला इलाहा इल्लल-लाह है और सबसे छोटी शाख रास्ते से तकलीफ देह चीज को हटाना है और शर्म-ओ-हया भी ईमान की एक शाख है ।                                                                                       (बुखारी शरीफ)

तो ये भी Kalma Tayyaba ki fazilat है ।

कलमा तययबा पाकीज़ा दरख्त है

दोस्तों अल्लाह तआला ने कुरान मजीद मे Kalma Tayyaba ki fazilat  पाकीज़ा दरख्त (पेड़) की मिसाल से बताई है । कुरान मजीद की एक सूरत (सूरह इब्राहीम) मे अल्लाह तआला फरमाते है के कलमा तययबा एक पाकीज़ा या खूबसूरत झाड़ है , जिसकी जड़े बहुत मजबूत और इसकी शाखे आसमान को छूती है और अल्लाह के हुक्म से हर बार उससे फल मिलता है ।

इसी तरह Kalma Tayyaba ki fazilat पढ़ने की है यानि अगर हम दुनिया मे इसको पढ़ेंगे और इस पर गौर फरमाएंगे तो इसका उजर हमे आखिरत मे मिलेगा और साथ मे दुनिया मे भी जान और माल की हिफाजत और सारी परेशानी दूर हो जाएगी । subhanallah अल्लाह ने Kalma Tayyaba की मिसाल कितनी अच्छी बताई है ।

कब्र मे इस्तेक़ामत 

दोस्तों एक Kalma Tayyaba ki fazilat ये भी है के ये कब्र मे भी हमारी मदद फरमाएगा क्यूंकि हमने दुनिया मे इसकी बिना पर ज़िंदगी गुज़ारी और अल्लाह के हुक्मो की ताबेदारी की । जब हम कब्र मे दाखिल होंगे तो Kalma Tayyaba भी हमारे साथ होगा और हमारी पूरी मदद फरमाएगा ।

एक रिवायत मे लिखा है के आयशा रजि ० अन्हा ने अल्लाह के रसूल से कहा की मै एक कमजोर औरत हु और मरने के बाद जब मै कब्र मे जाऊँगी और मुनकर-नकीर जब मेरे पास आएंगे तो मेरा क्या हाल होगा और मै तो बिल्कुल अकेली रह जाऊँगी तो आपने फरमाया के अल्लाह तआला  Kalma Tayyaba से मोमिनो के कदम जमा देंगे । ये दुनिया मे भी मोमिनो के कदम जमा देगा और अल्लाह तआला जो चाहता है वो करता है । (मुसनद बज्जार)

सबसे बेहतरीन जिक्र

हमारे हुज़ूर रसूल अल्लाह सल्ल ० ने इरशाद फरमाया के अल्लाह के तमाम जिक्र मे सबसे अफजल जिक्र  Kalma Tayyaba का जिक्र है और तमाम दुआओ मे सबसे से बेहतर अलहमदुलिल्लाह (surah fatiha) है । तो दोस्तों आप हर वक़्त अपनी ज़बान पर अल्लाह का कलमा पढ़ते रहे , तो इनशाल्लाह आपकी तमाम परेशानी खतम हो जाएंगी । ये भी Kalma Tayyaba ki fazilat बहुत बड़ी है ।

रोज ऐ क़यामत नबी की शिफ़ात

Kalma Tayyaba ki fazilat ये भी है के अल्लाह तआला क़यामत के दिन हमारे नबी का दीदार और उनकी शिफ़ात नसीब फरमाएगा । यानि जो इस कलमे के तक़ाज़ों को जान कर उसपर अपनी ज़िंदगी गुज़ारेगा तो हमारे नबी अल्लाह तआला से हमारे लिए शिफात की गुजारिश और सिफारिश फरमाएंगे ।

एक रिवायत मे रसूल अल्लाह सल्ल ० ने इरशाद फरमाया के जिसने इस कलमे को सच्चे दिल से पढ़ा होगा तो क़यामत के रोज उसे मेरी शिफ़ात नसीब होगी या मेरी शिफात का मुस्तहक इंसान वो बनेगा जिसने सच्चे दिल से अपने नफ़्स मे ही सही ये कहा होगा ला इलाहा इल्लल-लाह ।   (बुखारी शरीफ)

दौजख से निजात

Kalma Tayyaba ki Fazilat ये भी है के इसके पढ़ने वाला और इस पर अमल करने वाला दौजख मे नहीं जाएगा उस शख्स को जहन्नुम की आग नहीं छूए गी ।

अबु याला की रिवायत है के अबु हुरै ० रजि ० ने रसूल अल्लाह सल्ल ० को फरमाते हुए सुना तुम कसरत से कलमा तययब या पाकीज़ा कलाम को पढ़ा करो इससे पहले इसके और तुम्हारे दरमियान मौत आ जाए और तुम इससे महरूम रह जाओ और जो मौत के वक़्त इस कलाम को पढता है तो इनशाल्लाह जन्नत मे जाएगा ।

रसूल अल्लाह सल्ल ० ने इरशाद फरमाया के मै एक ऐसा कलमा जानता हु जो इसको सच्चे दिल से पढे और उसकी मौत आ जाए तो उस पर दौजख की आग हराम हो जाती है ।   (मुसनद अहमद)

आसमान के दरवाजे खुलना

जो शख्स भी सच्चे दिल से इस कलाम को पढता है तो उसके लिए अर्श के दरवाजे खुल जाते है और ये कलमा वहाँ पहुँच जाता है । जब बंदे के लिए आसमान के दरवाजे खुल जाए तो फिर तो उसके लिए अल्लाह की रहमत बरसेंगी ।

रसूल अल्लाह सल्ल ० ने इरशाद फरमाया के जब बंदा सच्चे दिल से Kalma Tayyaba पढता है तो इसके लिए आसमान के दरवाजे खोल दिए जाते है और ये कलमा अर्श ऐ इलाही तक पहुँच जाता है मगर शर्त ये है के इसके पढ़ने वाला गुनाहे कबीरह से बचता हो । दोस्तों ये भी Kalma Tayyaba ki fazilat कितनी बड़ी है के अल्लाह की तरफ से उस बंदे के लिए आसमान के दरवाजे खुल जाते है , लेकिन ये जब ही होता है जब वो गुनाहे कबीरा से बचता रहे ।  (जामिया तिरमीजी)

10 मर्तबा पढ़ने पर कलमा तययबा की फ़ज़ीलत

जो शख्स 10 मरतबा इस कलमे को पढता है तो उस शख्स की मिसाल ऐसी है जैसे उसने 4 ग़ुलामों को आजाद किया।

रसूल अल्लाह सल्ल ० ने इरशाद फरमाया के जो शख्स ला इलाहा इल्लल-लाहु वहदहू ला शरीका लहू लहुल मुलकु वला हुलहमदु वहुवा अला कुल्ली शाइन क़दीर 10 मर्तबा पढता है तो उसको ऐसा सवाब मिलता है जैसे उसने इस्माइल अलै ० की औलाद से 4 ग़ुलामों को आजाद किया हो।    (सहीह बुखारी)

इसके अलावा भी Kalma Tayyaba ki Fazilat बहुत सारी है जैसे:

मरने वाले के पास इस कलमे को पढ़ना चाहिए ताकि वो भी इसे पढे और अगर मरने वाला इसे पढ़ ले तो वो भी जन्नत मे चला जाता है ।

12 वी Kalma Tayyaba ki fazilat ये है के इसके पढ़ने वाला जहन्नुम से निकाला जाएगा । क़यामत के दिन अल्लाह तआला अपने फरिश्तों से फरमाएगा के निकाल लाओ दौजख से उन लोगों को जिन्होंने दिल से भी एक बार मेरा कलमा कहा हो और जिसके पास ज़र्रा बराबर भी ईमान हो । subhanallah अल्लाह कितना करीम है और अपने बंदों पर अपना कर्म कयामत के रोज भी फरमाएगा ।

दोस्तों हमने आपको कुल 12 Kalma Tayyaba ki fazilat बताई है इसके अलावा भी बहुत सारी है लेकिन हम आज आपको इतना ही बताएंगे । तो आप भी अल्लाह का कलमा पढिए और दूसरों को भी इसके पढ़ने के बारे और इसकी फ़ज़ीलत के बारे मे बताइए ।

आज आपने क्या सीखा

आज आपने Kalma Tayyaba ki Fazilat के बारे मे अच्छे से जाना है उम्मीद है की आपको ये तमाम फ़ज़ीलत समझ आ गई होंगी । इसके अलावा आज हमने आपको इसकी फ़ज़ीलत को हदीस के हवाले से बताया है ।

इसके साथ ही साथ kalma Tayyaba उर्दू और हिन्दी मे भी जाना है। अगर हमारी ये पोस्ट आपको अच्छी लगी हो तो इसे दिल से अपने दोस्तों तक पहुंचाए ताकि उन्हे भी इसके पढ़ने की फ़ज़ीलते मालूम हो सक।

और इस कलमे का विरद ज्यादा ऐ ज्यादा करे ताकि अपनी दीन और दुनिया दोनों को हासिल कर सके , अस्सलामु अलैकुम।

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