Namaz e janaza ka tarika | जनाजे की नमाज़ का सही तरीका 2022

अस्सलामु अलैकुम मेरे सभी दोस्तों कैसे है आप उम्मीद करता हु की खैरियत से होंगे | आज हम आपको namaz e janaza ka tarika बताएंगे | दोस्तों ये नमाज़ ऐसी है  जिसकी जानकारी हर मुसलमान फर्द को होनी चाहिए | क्यूंकि ये नमाज़ हर मुसलमान के मरने के बाद पढ़ी जाती है |

क्या आपको नमाज़ ऐ जनाज़ा की सुन्नत मालूम है ? क्या आपको नमाज़ ऐ जनाज़ा के फर्ज मालूम है ? और क्या आपको नमाज़ ऐ जनाज़ा की शर्ते मालूम है ? अगर नहीं मालूम तो कोई बात नहीं आज हम आपको namaz e janaza ka tarika के साथ-साथ इन सब की जानकारी भी देने वाले है

पोस्ट को लास्ट तक पढे ताकि आपको namaz e janaza padhne ka tarika और namaz e janaza ki dua और इसके साथ ही साथ इसकी शर्ते , सुन्नत और फर्ज भी मालूम हो जाए |

namaz e janaza ka tarika

namaz e janaza ka tarika जानने से पहले इसकी नियत के बारे मे जान लेते है | दीन ऐ इस्लाम एक ऐसा मजहब है जो दिल की बात पर इख्तियार करता है | यानि जो दिल गवाही देता है उसी बात को सही समझा जाता है | इसी तरीके से अगर आप नियत दिल ही दिल मे करते है तो आपकी नमाज़ दुरुस्त हो जाएगी |

namaz e janaza ki niyat in hindi

लेकिन बहुत से लोगों को इत्मीनान नहीं मिलता तो उसके लिए आप जुबान से भी इकरार कर सकते है | जब आप जुबान से इकरार करेंगे तो आपको ये अल्फ़ाज़ कहने है | मै अल्लाह के वास्ते इस जनाज़े की नमाज़ इस मययत की दुआ ऐ मगफिरत के लिए इमाम के पीछे पढ़ता हु रुख मेरा काबा शरीफ की तरफ | पहली तकबीर मे कहे अल्लाहु अकबर |

 namaz e janaza ki niyat in arabic

نَوَيْتُ اَنْ اُؤَدِّىَ لِلّٰهِ تَعَالٰى اَرْبَعَ تَكْبِيْرَاتِ صَلٰوةِ الْجَنَازَةِ اَلثَّنَآءُ لِلّٰهِ تَعَالٰى وَصَّلٰوةُ لِلرَّسُوْلِ وَالدُّعَآءُ لِهَذَا الْمَيِّتِ اِقْتَدَيْتُ بِهٰذَا الْاِمَامِ مُتَوَجِّهًا اِلٰى جِهَةِ الْكَعْبَةِ الْشَرِيْفَةِ

क्या मययत की नमाज़ फर्ज है , वाजिब है या सुन्नत ?

मययत की नमाज़ फर्ज ऐ किफ़ाया है | अगर एक दो आदमी इस नमाज़ को पढ़ ले तो सब के जिम्मे से फर्ज अदा हो जाता है | अगर किसी ने भी अदा नहीं की तो सब के सब गुनहगार हो जाते है |

namaz e janaza ke farz

इस नमाज़ मे 2 फर्ज है :

  1. क़याम यानि सीधा खड़ा होना अगर जमीन सूखी हो तो चप्पल/जूते उतारकर और अगर गीली हो तो इन्हे पहने रखना |
  2. 4 तकबीर कहना |

namaz e janaza ki sunnat

इस नमाज़ मे 4 सुन्नत है :

  1. इमाम का मययत के सीने के सामने होना |
  2. पहली तकबीर के बाद सना पढ़ना |
  3. दूसरी तकबीर के बाद durood sharif पढ़ना |
  4. तीसरी तकबीर के namaz e janaza ki dua पढ़ना |

namaz e janaza ki shart (शर्त)

जिस तरह हमारी 5 वक़्त की नमाज़ की शर्ते होती है उसी तरीके से namaz e janaza की 5 शर्ते है | इन शर्तों को पूरा करना बहुत जरूरी है :

  1. मययत का मुसलमान होना |
  2. मययत का पाक होना |
  3. मययत के कफन का पाक होना |
  4. सतर का ढंका हुआ होना |
  5. मययत का सामने और इसकी चारपाई जमीन पर रखी होना |

namaz e janaza ka tarika

namaz e janaza ka tarika जानने के लिए सबसे पहले नियत करे जो हमने आपको ऊपर बताई है या फिर जो आपको सही लगे | नियत करके अल्लाहु अकबर इमाम जोर से और मुक़तदी आहिस्ता से कहे | हाथ बांधकर खड़े हो जाए और तीन या पाँच या फिर सात सफे बनाकर खड़े हो जाए इसके बाद सना पढे |

سُبْحَانَكَ اللّٰهُمَّ وَبِحَمْدِكَ وَتَبَارَكَ اسْمُكَ وَتَعَالٰى جَدُّكَ وَجَلَّ ثَنَآءُكَ وَلَا اِلٰهَ غَيْرُكَ

तर्जुमा : ऐ इलाही मै तेरी पाकी के साथ और तेरी तारीफ के साथ तुझे याद करता हु | तेरा नाम ब बरकत है और तेरी शान बुलंद है और तेरी तारीफ बड़ी है और तेरे सिवा कोई मआबूद नहीं |

ये आपकी पहली तकबीर पूरी हो गई | अब बिना हाथ उठाए दूसरी तकबीर अल्लाहु अकबर पढे | इसके बाद durood sharif पढे | वैसे तो आप कोई भी दुरूद पढ़ सकते है | लेकिन दुरूद ऐ इब्राहिमी पढ़ना ज्यादा बेहतर है |

اَللّٰهُمَّ صَلِّ عَلٰى مُحَمَّدٍ وَّعَلٰٓى اٰلِ مُحَمَّدٍ كَمَا صَلَّيْتَ عَلٰٓى اِبْرٰهِيْمَ وَعَلٰٓى اٰلِ اِبْرٰهِيْمَ اِنَّكَ حَمِيْدٌ مَّجِيْدٌ 

اَللّٰهُمَّ بَارِكْ عَلٰى مُحَمَّدٍ وَّعَلٰٓى اٰلِ مُحَمَّدٍ كَمَا بَارَكْتَ عَلَٓى اِبْرٰهِيْمَ وَ عَلٰٓى اٰلِ اِبْرٰهِيْمَ اِنَّكَ حَمِيْدٌ مَّجِيْدٌ

तर्जुमा : ऐ अल्लाह , रहमत नाज़िल फरमा मुहम्मद सल्ल ० पर और आल ऐ मुहम्मद सल्ल ० पर जिस तरह तूने रहमत नाज़िल फरमाई इब्राहीम अलै ० पर और उनकी आल ऐ इब्राहीम पर | बे शक तू ही तारीफ के लायक और बड़ी अजमत वाला है |

ऐ अल्लाह , बरकत नाज़िल फरमा मुहम्मद सल्ल ० पर और आल ऐ मुहम्मद सल्ल ० पर जिस तरह तूने बरकत नाज़िल फरमाई इब्राहीम अलै ० पर और उनकी आल ऐ इब्राहीम पर | बे शक तू ही तारीफ के लायक और बड़ी अजमत वाला है |

इस तरह आपकी दूसरी तकबीर पूरी हो जाएगी | अब फिर से बगैर हाथ उठाए तीसरी तकबीर अल्लाहु अकबर कहे और फिर namaz e janaza ki dua पढे | यहां एक बात गौर करे|

अगर जनाज़ा बालिग़ मर्द या औरत का हो तो आप ये दुआ पढे :

اَللّٰهُمَّ اغْفِرْ لِحَيِّنَا وَمَيِّتِنَا وَشَاهِدِنَا وَغَآئِبِنَا وَصَغِيْرِنَا وَكَبِيْرِنَا وَذكَرِنَا وَاُنْثاَنَا اَللّٰهُمَّ مَنْ اَحْيَيْتَهُ مِنَّا فَاَحْيِهٖ عَلَى الْاِسْلَامِ وَمَنْ تَوَفَّتْهُ مِنَّا فَتَوَفّهُ عَلَى الْاِيْمَانِ

namaz e janaza ki dua in hindi :

अल्लाहुम्मग फिरली लिहय्यिना वा मय्यितीना वा शाहिदीना वा गाइबीना वा सगीरिना वा कबीरीना वा जिकरिना वा उनसाना अल्लाहुम्मा मन अह्ययताहू मिन्ना फा-अह्यिही अलल इस्लामी वमन तवफ्फत-हु मिन्ना फता-वफ्फाहु अलल  ईमानी

तर्जुमा : ऐ इलाही बख्श दे हमारे हर जिंदा को और हमारे हर मुर्दाह को और हमारे हर हाजिर को और हमारे हर गैर हाजिर को और हमारे हर छोटे को और हमारे हर बड़े को और हमारे हर मर्द को और हमारी हर औरत को | ऐ इलाही तू हममे से जिसको ज़िंदा रखे तू उसे इस्लाम पर जिंदा रख और हममे से जिसको मौत दे तू उसको ईमान पर मौत दे | आमीन

अगर जनाज़ा नाबालिग़ लड़के का हो तो ये दुआ पढे :

اَللّٰهُمَّ اجْعَلْهُ لَنَا فَرْطًا وَّاجْعَلْهُ لَنَا اَجْرًا وَّذُخْرًا وَّاجْعَلْهُ لَنَا شَافِعًا وَّمُشَفَّعًا

namaz e janaza ki dua in hindi :

अल्लाहुमज अल्हु लना फरतौ वज अल्हू लना अजरौ वजुखरौ वज अल्हु लना शाफिऔ वा मुशफ्फा

तर्जुमा : या अल्लाह इस बच्चे को हमारी निजात के लिए आगे जाने वाला बना और इसको हमारे लिए उजर व जखीरा बना | इसको हमारी सिफारिश करने वाला बंदा बना |

अगर जनाज़ा नाबालिग़ लड़की का हो तो ये दुआ पढे :

اَللّٰهُمَّ اجْعَلْهَا لَنَا فَرْطًا وَّاجْعَلْهَا لَنَا اَجْرًا وَّذُخْرًا وَّاجْعَلْهَا لَنَا شَافِعَةً وَّمُشَفَّعَةً

namaz e janaza ki dua in hindi :

अल्लाहुम्मज अल्हा लना फरतौ वज अल्हा लना अजरौ वजुखरौ वज अल्हा लना शाफीअतौ वा मुशफ्फा

तर्जुमा : या अल्लाह इस बच्ची को हमारी निजात के लिए आगे जाने वाली बना और इसको हमारे लिए उजर व जखीरा बना | इसको हमारी सिफारिश करने वाली मकबूल बंदी  बना |

इस तरह आपकी तीसरी तकबीर भी पूरी हो गई | इसके बाद इमाम जोर से और मुक़तदी आहिस्ता से चौथी तकबीर अल्लाहु अकबर कहे | पहले इमाम और फिर मुक़तदी दाए-बाए तरफ सलाम फेरे | ये है namaz e janaza ka tarika का मुकम्मल तरीका | उम्मीद करते है की आपकी समझ मे namaz e janaza ka tarika आ गया होगा |

namaz e janaza ka tarika जानने के बाद आप सोच रहे होंगे की इस नमाज़ से फ़ारिग़ होकर क्या पढ़ना चाहिए |

तो हम आपको ये भी बताने वाले है | इस नमाज़ से फ़ारिग़ होकर जनाज़े को कब्रिस्तान की तरफ ले जाना चाहिए | चलते वक़्त अगर कलम पढे या istaghfar पढे तो उसे आहिस्ता से पढे | आवाज से पढ़ना मकरूह है | मययत की पहली मंजिल यानि कब्र मे जाने और हिसाब किताब और दुनिया की बे ऐतबारी का ध्यान करे |

मतलब ये है के हमे गौर व फिक्र करनी चाहिए कि एक दिन हमे भी इसके अंदर आना है | मययत के लिए दुआ ऐ मगफिरत और इसकी आसानी के लिए दुआ करनी चाहिए |

ये भी पढे;  Wazu ka tarika for ladies | wazu karne ka tarika wazu ki dua 2022

आज आपने क्या सीखा |

दोस्तों इस आर्टिकल की मदद से हमने जाना namaz e janaza padhne ka tarika का सही तरीका क्या है जिसको जानना बहुत अहम है | क्योंकि अक्सर हम सब लोग मययत मे जाते है और namaz e janaza ka tarika भी पड़ते है इसलिए ये जरूरी है की सही तरीका और दुआ का पता हो हर इंसान को हम उम्मीद करते है आपको ये पोस्ट पसंद  आई होगी आगे भी अहम जानकारी के लिए हमारे ब्लॉग islamicpathshala के साथ बने रहे शुक्रिया |

 

 

 

 

 

 

 

Leave a Comment