अस्सलामु अलैकुम दोस्तों आज की इस पोस्ट मे हम आपको nazar ki dua या nazar bad ki dua और इसकी फ़ज़ीलत बताएंगे | दोस्तों नजर एक ऐसी चीज है कि जिसे भी यह लगती है तो उसे बुरी तरह बर्बाद कर देती है| वह इंसान या तो बीमार रहता है या काम से बिल्कुल बेरोजगार हो जाता है | यहां तक कि बुरी नजर से घर भी बर्बाद हो जाते है |
nazar bad kise kehte hai
नजर बद एक ऐसी बला है, जो किसी को भी लग सकती है जैसे खूबसूरत औरत, लड़की या लड़का , बच्चे , घर, कारोबार किसी का खुशहाल जीवन और भी बहुत सी चीज़े है ,जिन्हे किसी की बुरी नजर लग जाती है | बहुत से लोग किसी की खुशी से जलने लगते है, जिसे हम हसद कहते है |
हसद करने वाले लोगों को अल्लाह नापसंद फरमाते है |अल्लाह तआला हर भाई बहन को हसद करने से बचाए|
इस पोस्ट मे हम आपको bachcho ki nazar ki dua भी बताएंगे |
लोग बुरी नजर से बचने के लिए बहुत सारे गुनाहों मे शरीक होते है लेकिन जो हमारे नबी ऐ पाक सल्ल का सुन्नत तरीका है उसे भूल जाते है | जिसकी वजह वे कुफ्र और शिरक जैसे बड़े गुनाहों मे आ जाते है और आपको इतना तो मालूम होगी ही कि कुफ्र व शिरक की अल्लाह के यहां माफी नहीं है |अल्लाह तआला हमारे तमाम गुनाहों को बख्श देंगे लेकिन शिरक की माफी नहीं होगी|
लोग नजर उतारने के लिए दुआ तो पढ़ते नहीं ऊपर् से और भी गुनाह करते है जैसे लाल मिर्चों से नजर उतारना , पत्थर से नजर उतारना, रुई की बत्ती से नजर उतारना वगैरह वगैरह और ये सारे गुनाह कुफ्र और शिरक मे ही आते है | आज हम आपको इन तमाम गुनाहों से बचने और buri nazar se bachne ki dua बताएंगे |
वैसे तो nazar bad ki dua बहुत सारी है लेकिन हम आपको कुछ दुआएं बता रहे है | जिन्हे पढ़ने से इनशाल्लाह आपको बहुत फायदा होगा , गुनाह मे शरीक होने से भी बच जाएंगे और आप बुरी नजर से महफूज रहेंगे |
दोस्तों नजर एक ऐसा जहर है कि अल्लाह ने ब -आज़ आदमी की आँखों मे इसको रखा है | जैसा की बिच्छू के डंक और सांप की ज़बान मे जहर रखा गया | इसी तरह आदमी की आँख मे भी नजर मुकर्रर किया गया है और आप ये न समझे कि नजर दूसरों की लगती है कभी कभी अपनी नजर भी लग जाती है |
नजर किसी भी चीज को लग सकती है | अल्लाह तआला ने इसका इलाज अपने रसूल सल्ल की ज़बान से फरमाया है ताकि खिलकत (संसार) को फायदा हो |
पहली nazar ki dua (सूरह फातिहा)
फ़ज़ीलत : हमारे हुज़ूर सल्ल का इरशाद नकल किया गया है कि सूरह फातिहा मे हर बीमारी से शिफ़ा है | इसके पढ़ने का तरीका ये है कि तीन तीन मर्तबा दुरूद ऐ इब्राहीम पढ़ कर 7 मर्तबा इसे पढे और जिसे नजर लगी है उस पर दम करे इनशाल्लाह इसके पढ़ने से आप बुरी नजर से महफूज हो जाएंगे |
अरबी मे दुआ :
اَلْحَمْدُ لِلّٰهِ رَبِّ الْعَالَمِيْنَ
الرَّحْمٰنِ الرَّحِيْمِ مٰلِكِ يَوْمِ الدِّيْنِ
اِيَّاكَ نَعْبُدُ وَ اِيَّاكَ نَسْتَعِيْنُ
اِهْدِنَا المُسْتَقِيْم صِرَاطَ الَّذِيْنَ اَنْعَمْتَ عَلَيْهِمْ
غَيْرِ الْمَغْضُوْبِ عَلَيْهِمْ وَلَا الضَّآلِّيْن
हिन्दी मे दुआ :
अल्हमदु लिल्लाहि रब्बिल आलमीन अर्रहमा निर्रहीम| मालिकि यौमिद्दीन इय्याका नाबुदु व इययका नस्ताईन| इह दिनस सिराटल मुस्तकीम सिरातल लज़ीना अन अमता अलैहिम, गैरिल मग्जूबी अलैहिम व लजवाअल्लीन|
तर्जुमा : सब तारीफ़ें अल्लाह के लिए है जो सारे जहां का मालिक है | बहुत महरबान निहायत रहम वाला है | इंसाफ के दिन का मालिक है | हम सब तेरी ही इबादत करते है और तुझी से मदद मांगते है , ऐ अल्लाह हम को सही रास्ता दिखा | रास्ता उन लोगों का जिन पर तूने फजल किया , उन का रास्ता नहीं जिन पर तेरा गजब नजिल हुआ और न उन लोगों का रास्ता जो रास्ते से भटक गए
दूसरी nazar bad ki dua (सूरह क़लम)
अरबी मे दुआ :
وَ اِنْ يَّكَادُ الَّذِيْنَ كَفَرُوْ الَيُزْلِقُوْنَكَ بِاَبْصَارِهِمْ
لَمَّا سَمِعُوْاالذِّكْرَ وَيَقُوْلُوْنَ اِنَّهُ لَمَجْنُوْنٌ وَمَاهُوَ اِلَّا ذِكْرُ لِلْعٰلَمِيْنَ
हिन्दी मे दुआ : व इन यका दुल लजीना कफरू लयुजलिकूना का बिअबसारी हिम लम्मा समीउज जिकरा वया कूलूना इननहु लमजनून वमा हुवा इल्ला जिक्रुल लील आलमीन ।
तर्जुमा : और ये काफिर जब कुरान सुनते है तो ( सिद्दत अदावत से ) ऐसे मालूम होते है के गोया आपको अपनी निगाहों से फूलकर गिरा देंगे ( ये एक मुहावरा है और इसी अदावत से आपकी निस्बत ) कहते है के ये मजनून है | हालांकि ये कुरान जिसके साथ आप तकल लुम फरमाते है तमाम जहां के वास्ते नसीहत है |
अगर आपको भी बुरी नजर का अंदेशा होतो आप ये दुआ तीन मर्तबा पढ़ कर दम करले|
तीसरी nazar ki dua (सूरह फलक)
अरबी मे दुआ :
قُلْ اَعُوْذُ بِرَبِّ الْفَلَقِ
مِنْ شَرِّ مَا خَلَقَ وَمِنْ شَرِّ غَاسِقٍ اِذَا وَقَبَ
وَمِنْ شَرِّ النَّفّٰثٰتِ فِى الْعُقَدِ وَمِنْ شَرِّ حَاسِدٍ اِذَا حَسَدَ
हिन्दी मे दुआ : कुल ौजू बी रब्बिल फलक मिनशर्रि मा खलक वमिनशर्रि गासिकिन इजा वकब वमिन शर्रीन नफ़फा साती फिल उकद वा मिन शर्री हासि दिन इजा हसद।
तर्जुमा : मे सुभे के रब से पनहा मे आया हर चीज की बदी से जो इसने बनाई ओर अंधेरे की बदी से जब सिमटआए औरछा जाए ओर औरतों की बदी से जो गिरहों पर फूक मारे और बुरा चाहने वाले की बदी से जब टोकने (नजर लगाने लगे हसद करने लगे) |
फ़ज़ीलत ( फायदा ) : ये अपने ओर आम मुसलमानों के लिए निजात और मगफिरत और दुसमनो के लिए हलाकत की दुआ है |
चौथी Nazar ki dua (सहीह अल बुखारी)
अरबी मे दुआ :
اِنِّىْ اُعِيْذُ كُمَا بِكَلِمَاتِ اللّٰهِ التَّآمَّةِ
مِنْ كُلِّ شَيْطَانٍ وَّهَآمَّةٍ وَّمِنْ كُلِّ عَيْنٍ لَّآمَّةٍ
हिन्दी मे दुआ : इन्नी ऊ ईजू कुमा बिकली मा तिल लाहित तामती मीन कुल्ली शैतानिन वा हाम्मा तिन वा मीन कुल्ली ऐनिल लाम मतिन |
तर्जुमा : मे तुमको हर शैतान से , मोजी जहरीले जानवरों से और हर लगने वाली बुरी नजर से अल्लाह के इन कलमात की पनहा मे देता हु |
इस दुआ को bachcho ki nazar ki dua के लिए भी पढ़ा जाता है | हज़रत उमर रजि. फरमाते है नबी करीम सल्ला. हज़रत हसन और हुसैन रजि. को इन कलमात से अल्लाह की पनहा मे दिया करते थे |
note : यह सभी के लिए एक मुजर्रब दुआ है तो इसे बच्चों के इलावा आप अपने लिए और अपने घर वालों के लिए भी पढ़ सकते है |
पाँचवी Nazar ki dua (आयतुल कुर्सी)
अरबी मे दुआ :
اَللّٰهُ لَآ اِلٰهَ اِلَّا هُوَ اَلْحَىُّ الْقَيُّوْمُ
لَا تَاْخُذُهُ سِنَهٌ وَّلَا نَوْمٌ
لَهُ مَا فِى السَّمٰوٰتِ وَمَا فِى الْاَرْضِ
مَنْ ذَا الَّذِىْ يَشْفَعُ عِنْدَهُ اِلَّا بِاِذْنِهٖ يَعْلَمُ مَا بَيْنَ اَيْدِيْهِمْ
وَمَا خَلْفَهُمْ وَلَا يُحِيْطُوْنَ بِشَىْءٍ مِّنْ عِلْمِهٖٓ اِلَّا بِمَا شَآءَ
وَسِعَ كُرْسِيُّهُ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضَ
وَلَا يَؤُدُهُ حِفْظُهُمَا وَهُوَ الْعَلِىُّ الْعَظِيْمُ
हिन्दी मे दुआ : अल्लाहु ला इलाहा इल्ला हुवा अल हय्युल कय्यूम ला ताखुज़ु हू सिन तुँ वला नौम लहू मा फिस् समावाति वमा फिल अर्ज | मन ज़ल् लज़ी यशफा उ इन्दहू इल्ला बि इज़निही यालमु मा बयना अयदीहिम वमा खलफहुम वला युहीतूना बिशय इम् मिन इल्मिही इल्ला बिमा शा वसि आ कुर्सिय्युहुस् समावाति वल अर्ज वला यौ दुहू हिफ्ज़ुहुमा व हुवल अलिय्युल अज़ीम |
तर्जुमा : अल्लाह ताला मआबूद बर्हक है जिसके सिवा कोई इबादत के लायक नहीं है जो सब को थामने वाला है | जिसे न ऊंघ आए न नींद , इस की मल्कियत (संपत्ति) मे जमीन और आसमान सब चीज़े है , कौन है जो इसकी इजाजत के बगैर इसके सामने शिफ़ात कर सके | वो जानता है जो इनके सामने है ओर जो इनके पीछे है वो इसके इल्म मे से किसी चीज का अहाता (चारदीवारी) नहीं कर सकते मगर जितना वो चाहे | इसकी कुर्सी की वसीयत ने जमीन आसमान को घेर रखा है और अल्लाह इनकी हिफ़ाज़त से न थकता है न उकताता है ,वो तो बहुत बुलंद ओर बहुत बड़ा है |
फ़ज़ीलत: जो भी शख्स आयतुल कुर्सी को हर फ़र्ज़ नमाज़ के बाद या रात मे पढ़ता है| तो वो अल्लाह की हिफाजत मे आ जाता है और शैतान उस के करीब भी नहीं आता |
यहां पर हमने जितनी भी दुआ आपको बताई है ये सारी buri nazar se bachne ki dua है | इसके इलावा आप नमाज़ का एहतमाम रखे क्यूंकि नमाज़ तमाम परेशानी और हर बुरी आफत से हिफाजत मे रखती है| आप सुबह के वक़्त मंजिल और आयत ऐ शिफ़ा पढ़ कर पानी मे दम करके पिया करे और अपने घर मे भी सबको पिलाया करे, मंजिल और आयत ऐ शिफ़ा हर बीमारी और परेशानी की दवा है |अल्लाह तमाम मुसलमानों को नमाज़ पढ़ने की तौफीक अता फरमाए |
सारी उम्मत ऐ इस्लामी के हक मे दुआ ऐ खैर करते रहना भी सुन्नत ऐ अम्बिया है |
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Conclusion
अगर आपको कोई चीज पसंद आए चाहे वो माल हो या औलाद हो या मकान हो या इसके सिवा कोई ओर चीज हो जब अपनी आँखों मे वो चीज अच्छी मालूम हो तो उस वक़्त ये कह दिया करे مَا شَآءَ اللّٰهُ لَا قُوَّةَ اِلًَا بِاللّٰهِ इसके कहने से अल्लाह ताला नजर की तासीर होने नहीं देता |
इसके कहने से अल्लाह ताला नजर की तासीर होने नहीं देता | अगर आपको लगे की मेरी नजर बड़ी सख्त है तो आप उस चीज को न देखा करे और अगर आपकी किसी चीज पर नजर पड़ जाए तो आप ये पढ़ा करे اَللّٰهُمَّ بَارِكْ عَلَيْهِ इस कलमे की बरकत से नजर असर नहीं करेगी |