quran ki fazilat – quran ki fazilat hadees ki roshni me in 2022
अस्सलामु अलैकुम दोस्तों आज के इस आर्टिकल मे हम आपको quran ki fazilat, quran padhne ki fazilat in hindi मे और इसके आदाब बताएंगे | दोस्तों आप ये सब तो जानते ही है कि कुरान पाक हमारी सबसे मुक़द्दस और मशहूर किताब है |
तो आप ये भी जानते होंगे की ये कलाम मजीद हमारे हुज़ूर सल्ल ० पर नाज़िल हुआ | लेकिन आपकी जानकारी मे थोड़ा सा इजाफा करने के लिए हम आपको कुरान मजीद नाज़िल होने के बारे मे बता दे | दोस्तों ये मुक़द्दस किताब माहे रमज़ान की शब ऐ कदर के मुबारक महीने मे नाज़िल हुआ |
ये किताब और किताबों की तरह एक ही बार मे नाज़िल नहीं हुई बल्कि थोड़ा थोड़ा जरूरत के हिसाब से नाज़िल होती रही | और पूरे 23 बरस के बाद लोहे महफूज से आसमान पर अल्लाह के हुक्म से आई | इस कलाम की हिफाजत खुद अल्लाह ने ली है|
यहां हम आपको quran ki fazilat, quran padhne ki fazilat in hindi मे बता रहे है |
quran ki fazilat :
दोस्तों कुरान मजीद की फ़ज़ीलत की अगर हम बात करे तो इसकी बे-शुमार फ़ज़ीलतें है | कुरान मजीद की अजमत , बुज़ुर्गी , और इसकी फ़ज़ीलत इस कदर काफी है के ये अल्लाह के लोह व कलम का कलाम है | इसमे न कोई कमी है और न कोई कोताही है |
इसकी फ़ज़ीलत का जिक्र हम कुरान पाक मे भी देख सकते है के जब जिन की कौम ने इस कलाम को सुना तो अपने आप कहने लगे कि हमने एक अजीब कुरान सुना है जो नेकी की तरफ हिदायत करता है हम इस पर ईमान लाए और अपने परवरदिगार का किसी को शरीक न समझेंगे|
अल्लाह ने कुरान से पहले तीन किताबें नाज़िल फरमाई (तौरात , ज़बूर , इंजील) लेकिन इनमे दुनिया वालों ने अदल बदल कर डाली | फिर आखिर मे हमारा पाक कलाम कुरान मजीद नाज़िल हुआ जिसकी हिफाजत की जिम्मेदारी खुद अल्लाह ने ली | तो इसकी अहमियत का अंदाजा हम यहां लगा सकते है |
quran sharif ka tarjuma
कुरान मजीद की सबसे पहली सूरत (surah baqarah) का पहले रुकहू हम आपको तर्जुमे के साथ बताएंगे जिससे आपको पता चलेगा की अल्लाह ताला का ने कुरान मजीद के आगाज मे क्या हुकूम फरमाया है अपने बंदों के लिए |
alif laam meem tarjuma in hindi;
alif laam meem ये किताब ऐसी है जिसमे कोई शक नहीं | राह बताने वाली है अल्लाह से डरने वालों को और वो अल्लाह से डरने वाले लोग ऐसे है जो यकीन रखते है छिपी हुई बातों पर और नमाज़ कायम रखते है |
अल्लाह ने आगे ये फरमाया और जो कुछ हमे आपको दिया है इसमे से खर्च करते है | और वो लोग ऐसे है के यकीन रकते है इस किताब पर जो नबी करीम सल्लाहु. की तरफ उतरी गई और उन किताबों पर भी जो इनसे पहले उतारी जा चुकी है |
और वो लोग आखिरत अपर भी यकीन रखते है | बस ये लोग ही ठीक राह पर है जो अल्लाह की तरफ से मिली है और ये लोग पूरे कामयाब हुआ बेशक जो लोग काफिर हो चुके है बराबर है उनके हक मे चाहे आप उनको डराए या न डराए वो ईमान नहीं लाएंगे | अल्लाह ताला ने उनके दिलों और कानों पर बंद लगा दिया हैं और उनकी आँखों पर पर्दा है और उनके लिए सजा बड़ी है |
quran ki fazilat hadees ki roshni me
पहली हदीस:
नबी सल्ला. ने फरमाया के अल्लाह ताला फरमाता है जो कोई कुरान मजीद के पढ़ने मे व्यस्त हो और दुआ या किसी दूसरे जिक्र की उसको फुरसत न मिले मे उसके दुआ मांगने वालों से भी ज्यादा दूंगा | और कलाम अल्लाह की बुज़ुर्गी तमाम कलमों पर ऐसी है जैसे खुदा की बुज़ुर्गी तमाम मखलुक पर है | (सुनन अल-दारमी )
दूसरी हदीस :
नबी सल्ला. ने फरमाया के कुरान मजीद अल्लाह ताला के नजदीक ज्यादा महबूब है तमाम आसमानों और ज़मीनों और उन चीजों से जो इसमे है | ( सुनन अल-दारमी )
तीसरी हदीस:
अल्लाह के रुसूल सल्ला. ने फरमाया के हहड़ की इजाजत नहीं है मगर दो शख्सों पर एक वो जो कुरान मजीद पढता हो और वो इसकी तिलवात मे रातों को माशगूल रहता हो | दूसरा वो जिसको अल ने माल दिया हो एर वो इसको दिन रात अल्लाह की राह मे खर्च करता हो | (सही बुखारी )
चौथी हदीस;
जो शख्स अच्छी तरह कुरान मजीद पढे और इसके हलाल को हलाल और हराम को हराम जाने अल ताला उसको जन्नत मे दाखिल फरमाएगा और इसके दस अज़ीज़ों के हक मे जो मुस्तहक दोजखी होंगे इसकी सिफारिश कुबूल फरमाएगा | ( तिरजिमि -इबने -माजा )
पाँचवी हदीस;
हज़रत अबु हु. रजि. से मुरवी है के जो शख्स अपने लड़के को कुरान की तालीम करता हो अल्लाह ताला उसको क़यामत मे एक ताज जन्नत का पहनाएगा | ( तबरानी )
छठी हदीस ;
नबी सल्ला. ने फरमाया के कुरान मजीद पढ़ने से हर हरफ मे दस नेकिया मिलती है alif laam meem एक हरफ है बालके alif एक हरफ है laam एक हरफ है और meem एक यानि सिर्फ alif laam meem कहने से तीस नेकीयता मिलती है | (सुनन अल-दारमी )
सातवी हदीस ;
अब्दुल्ला बिन मसूद रजि, से मुरवी है के कुरान अल्लाह का नियामत खाना है | इससे लो जिस कदर ले सको मेरे नजदीक उस घर से ज्यादा ब बरकत कोई मुकाम नहीं जिस घर मे खुद की किताब न हो और बेशक वो दिल जिसमे कुछ भी कुरान न हो एक वीरान घर है | ( दारमी )
आठवी हदीस ;
खालिद बिन रजि, से रिवायत है के जो शख्स कुरान मजीद पढे उसको एक सवाब मिलेगा और जो इसको सुने उसको दोहरा सवाब मिलेगा | ( दारमी )
नवी हदीस ;
माज बिन रजि, से मुरवी है के जो शख्स अच्छी तरह कुरान पढे और इसपर अमल करे क़यामत के दिन उसके वालिदैन को एक ताज पहनाया जाएगा जिसकी रोशनी आफताब की रोशनी से बदरजहा बेहतर होगी | (अबु -दावूद )
दशवी हदीस ;
नबी सल्ला, ने फरमाया के अगर कुरान मजीद किसी खाल मे हो तो वो खाल नहीं जल सकती | खाल से मुराद कल्बे मोमिन है | अगर इसमे कुरान मजीद मोजूद हो तो अजाबे दौजहक से महफूज रहेगा | ( दारमी )
quran ki ayat ki fazilat
दोस्तों आपको बता दे quran ki ayat ki fazilat बहुत बड़ी बड़ी है जिसपर अमल करके या पढ़के दुनिया और आखिरत दोनों मे ही फायेदा हासिल कर सकते है |
surah baqarah ki tilawat
जिस घर मे surah baqarah ki tilawat होती है वह से शैतान भाग जाता है इसको पढ़ो बरकत होगी वरना हसरत होगी | नबी सल्ला, ने फरमाया के surah baqarah को पढ़ो के इसमे खैर और बरकत है | ( तरमिज़ी )
surah baqarah ki akhri ayat
दोस्तों surah baqarah ki akhri ayat जिस घर मे पढ़ी जाए तीन दिन तक शैतान उस घर के करीब नहीं जाता |
surah yaseen ki fazilat
दोस्तों surah yaseen कुरान मजीद का दिल है | जो कोई शख्स खुद के लिए पढे वो बखस दिया जाएगा इसको अपने मुरदों पर पढ़ो | नबी करीम सल्ला. ने फरमाया जो कोई रात को बिना किसी नियत के खलऊस के साथ पढे तो वो जन्नती है और दिन व दुनिया की तमाम मुसकीले आसान हो जाती है |
4 qul
4 qul surah kafironपढ़ने से रुबा कुरान का सवाब मिलता है। ( तरमिज़ी )
qul auzu bi rabbin falak surah और surah naas इससे बढ़कर कोई दुआ या अस्तगफार नही है । इसके पढ़ने से तमाम ब्लाओ से निजात मिलती है |
surah ikhlas ki fazilat जो शख्स इस दुआ को 3 मर्तबा पढ़े तो उसे मुकम्मल कुरान का सवाब मिलेगा और जन्नत इस पर वाजिब हो जाती है ।
surah mulk ki fazilat
दोस्तों surah mulk ki fazilat जो शख्स इस सूरत को बिना किसी नागा के रोज पड़ता है तो यह उसके लिए सिफात करेगी और अपने पर मैयत पर फैला देती है और इस पर अजाबे कब्र नहीं होने देती |
surah rehman ki fazilat
एक रिवायत में आया है जो शख्स सूरह रहमान पड़ता है वह जन्नतुल फिरदौस के रहने वालों में पुकारा जाता है। ( फजाइले कुरान )
note ; दोस्तों आपको बता दे दीन इस्लाम मे कोई भी बात अपने पास से बनाकर या घटाकर बताना बहुत बड़ा गुन्हा है | इसलिए ये जो भी quran ki fazilat hadees ki roshni me और quran ki ayat ki fazilat जो भी बताई है वो सब कुरान मे से लिखी गई है |
ये भी पढे; nazar ki dua
quran sharif ki tilawat
दोस्तों quran ki fazilat जानने के बाद अब हम आपको कुरान की तिलावत के आदाब बताएंगे ताकि आप कुरान मजीद के सही तरीके को जानकर आप भी पढ़ सके |
quran sharif ki tilawat के आदाब
- मसनून तरीका है की इंसान को बा वज़ू रहकर कुरान पढ़ना चाहिए |
- कुरान पढ़ने से पहले बिस्मिल्लाह पढ़ना चाहिए |
- अल्लाह की किताब की तिलावत के दौरान दुनीयवी बाते नहीं करनी चाहिए |
- कुरान मजीद की तिलावत मे एक खास वक़्त मुक्करर करना चाहिए |
- कलाम मजीद पढ़ने की हालत मे किसी ऐसे काम मे मशरूफ़ हो जाना जो दिल का दूसरी तरफ ध्यान लगा दे मकरु है |
- बेहतर ये है की कुरान मजीद को शुरू करने से पहले दरूद शरीफ पढ़ लेना चाहिए |
- कुरान शरीफ को क़िबला रुख की तरफ होकर पढ़ना चाहिए |
conclusion
दोस्तों आज के इस आर्टिकल मे आप ने जाना की quran ki fazilat, quran padhne ki fazilat in hindi , quran ki fazilat hadees ki roshni me , quran ki ayat ki fazilat , quran sharif ki tilawat और इसके आदाब |
तो अब आप खुद ही सोच सकते है | कि ये अल्लाह की किताब कितनी अहमियत रखती है | इसके जरिए हम और आप अपनी दुनिया और आखिरत बना सकते है | और इससे बे शुमार फायदे उठा सकते है |
Frequently Asked Question
quran me kitni ayat hai |
कुरान मजीद मे कुल 6666 आयत है | |
Quran me kitni Surah hai |
कुरान मजीद मे कुल 114 सूरत है | |
quran me kitne ruku hote hai |
कुरान मजीद मे 558 रुकु है | |