Qurani dua | Qurani masnoon dua in 2022

अस्सलामु अलैकुम नाज़रीन खुशामदीद करते है आप सबका आपके अपने ब्लॉग islamicpathshala मे | आज हमआपको qurani dua या फिर qurani masnoon dua के बारे मे बताने वाले है |

दोस्तों ये बात तो सभी को मालूम है की हर बड़ी से बड़ी बीमारी दूर करने और हर परेशानी से निजात पाने और हर तकलीफ को खतम करने का इलाज कुरान मे है | तो आज हम qurani dua की कुछ अहम आयते आपकी खिदमत मे लेकर हाजिर हुए है | जो आपकी जरूरत के लिहाज से आपके लिए बहुत फायदेमंद हो सकती है |

दोस्तों अल्लाह का कलाम ऐसा है अगर इसे इखलास के साथ पढ़ा जाए | तो इनशाल्लाह बहुत फायदा होता है | अल्लाह के कलाम मे बहुत बड़ी ताकत है | लेकिन शर्त एक ही है के जो भी पढे पूरे यकीन के साथ और सच्चे दिल से पढे |

तो आज हम आपको qurani dua के बारे मे बताने वाले है | जिन्हे नबी और सहाबा ने पढ़कर बहुत फायदा हासिल किया और नबी ने अपनी उम्मत के लिए भी इन्हे पढ़ने का हुक्म दिया ताकि हम भी इनसे फायदा हासिल कर सके |

qurani dua

दोस्तों यहां हम आपको कुरान की कुछ आयात बता रहे है | यहां हम जितनी भी दुआ बताएंगे ये सब कुरान से साबित है |

 1 : dushmano se bachne ki और sabr ki dua :

 رَبَّنَآ اَفْرِغْ عَلَيْنَا صَبْرًا وَّثَبِّتْ اَقْدَامَنَا وَانْصُرْنَا عَلَى الْقَوْمِ الْكٰفِرِيْنَ

तर्जुमा : ऐ हमारे परवरदिगार हम पर सब्र डाल दे और लड़ाई मे हमारे कदम जमा और काफिरों की जमात पर हमे फतह दे |                          (बकराः 250)

फ़ज़ीलत : इस दुआ की बरकत से लश्कर तालूत ने लश्कर कसीर पर फतह पाई थी | दोस्तों आज कल ऐसी जंग तो नहीं होती है लेकिन बहुत से लोग हमारी कामयाबी की वजह या और किसी वजह से दुश्मन बन जाते है | तो आप उन दुश्मनों से बचने और सब्र हसिल करने के लिए आप इस qurani dua को पढ़ सकते है |

2: magfirat ki dua और reham ki dua :

 رَبَّنَا ظَلَمْنَآ اَنْفُسَنَآ وَاِنْ لَّمْ تَغْفِرْ لَنَا وَتَرْحَمْنَا لَنَكُوْنَنَّ مِنَ الْخٰسِرِيْنَ

तर्जुमा : ऐ हमारे परवरदिगार , हमने अपने आपको खुद तबाह किया है | अगर तू हमको माफ नहीं फरमाएगा और हम पर रहम नहीं करेगा | तो हम बिल्कुल बर्बाद हो जाएंगे |                                                                                                                                                                                                            (आराफ़: 23)

फ़ज़ीलत : इस दुआ की बरकत से हज़रत आदम अलै ० और हव्वा अलै ० को माफी मिल गई थी | तो आप अपने गुनाहों की माफी के लिए इस qurani dua को अपना विरद बना ले और अल्लाह से reham ki dua मांगे |

magfirat ki dua और reham ki dua दूसरी :

رَبَّنَآ اٰمَنَّا فَاغْفِرْ لَنَا وَارْحَمْنَا وَاَنْتَ خَيْرُ الرّٰحِمِيْنَ

तर्जुमा : ऐ हमारे परवरदिगार , हम ईमान लाए तू हमे बख्श दे और हम पर रहम फरमा और तू सब मेहरबानों से बेहतर है |                                (मऊमीनून: 109)

फ़ज़ीलत : अल्लाह ने इस दुआ के पढ़ने वाले की बहुत बड़ी फ़ज़ीलत फरमाई है | ये magfirat और reham की दूसरी दुआ है |

3: museebat ki dua :

 اِنَّا لِلّٰهِ وَاِنَّآ اِلَيْهِ رٰجِعُوْنَ

तर्जुमा : हम अल्लाह ही का माल है (हमको जिस हाल मे चाहे रखे) औ हम इसी की तरफ लौट कर जाने वाले है |

फ़ज़ीलत : दोस्तों आप सोच रहे होंगे की ये दुआ तो किसी के inteqal पर पढ़ी जाती है | हाँ पढ़ी जाती है लेकिन जब कोई परेशानी या बहुत बड़ी मुसीबत सामने आ जाए तो आप इस दुआ को पढे | इनशाल्लाह फायदा होगा | वैसे तो museebat ki dua बहुत सारी है लेकिन यहां हमने आपको qurani dua बताई है |      (बकराः 156)

4 : dauzakh ke azab se nijat ki dua :

رَبَّنَآ اٰتِنَا فِى الدُّنْيَا حَسَنَةً وَّفِى الْاٰخِرَةِ حَسَنَةً وَّقِنَا عَذَابَ النَّارِ

तर्जुमा : ऐ हमारे परवरदिगार हमे दुनिया मे भी खैर और बरकत दे और आखिरत मे भी खैर ओ बरकत दे और हमको दौजख के अज़ाब से निजात दे |  (बकराः 201)

फ़ज़ीलत : इस दुआ के पढ़ने की बहुत बड़ी फ़ज़ीलत है | दोस्तों ये दुआ ऐसी जिसके पढ़ने से हमे दुनिया और आखिरत की तमाम आफ़ियत नसीब हो जाती है और दौजख के अज़ाब से निजात मिलेगी |

5 : salamati ki dua :

رَبَّنَآ اَفْرِغْ عَلَيْنَا صَبْرًا وَّتَوَفَّنَا مُسْلِمِيْنَ

तर्जुमा : ऐ हमारे रब , हमको सब्र करने वाला बना और अपनी फर्मा बरदारी की हालत मे हमको मौत अता फरमा |                                                        (आराफ़: 126)

फ़ज़ीलत : दुश्मनों के मुकाबले मे सब्र और अंजाम ब खैर होने और ईमान की सलामती के लिए आप इस qurani dua को पढे |

6 : maa baap ki maghfirat ki dua :

رَبِّ ارْحَمْهُمَا كَمَاَ رَبَّيٰنِىْ صَغِيْرًا

तर्जुमा : ऐ मेरे परवरदिगार , जिस तरह मेरे वालिदैन ने मुझे छोटे से को पाला था (मेरे हाल पर रहम करते रहे) उसी तरह तू भी इन पर अपना रहम फरमा |    (बनी इस्राइल: 24)

फ़ज़ीलत : अल्लाह तआला ने मुसलमानों के मा-बाप की मगफिरत के लिए ये qurani dua तालीम फरमाई | इससे वालिदैन के कमाल दर्जा अजमत और अहतराम पर रोशनी पड़ती है |

7 : har kaam shuru karne ki dua :

رَبِّ اَدْخِلْنِى مُدْخَلَ صِدْقٍ وَّاَخْرِجْنِىْ مُخْرَجَ صِدْقٍ وَّاجْعَلْ لِّىْ مِنْ لَّدُنْكَ سُلْطَاناً نَّصِيْرًا

तर्जुमा : ऐ मेरे परवरदिगार , मुझको अच्छी जगह पहुँचा और अच्छी तरह निकाल और अपनी जीनाब से मुझको (दुश्मनों पर) फतहयाबी के साथ गुलबा दे |         (बनी इस्राइल: 80)

फ़ज़ीलत : अल्लाह तआला ने मुहम्मद सलम को ये दुआ तालीम फरमाई कि ये अशी जामि दुआ है के हर काम के शुरू करने और खतम करने के लिए बहुत मुफीद है |

8: rizq ki dua :

رَبِّىْ اِنِّىْ لِمَآ اَنْزَلْتَ اِلَىَّ مِنْ خَيْرٍ فَقِيْرٌ

तर्जुमा : ऐ मेरे परवरदिगार , मई इस भलाई का जो तू मेरी तरफ उतारे , मुहताज हु |                                                                                        (क़सस: 24)

फ़ज़ीलत : ये तलब ऐ रिज्क की दुआ है | हज़रत मूसा अलै ० हालते सफर और बे सरोसामनी इस को पढ़कर शुआइब अलै ० के मेहमान और दामाद हुए | आप भी इस qurani dua रिज्क के लिए पढ़ सकते है |

9 : nazar e bad ki qurani dua :

قُلْ اَعُوْذُ بِرَبِّ الْفَلَقِ مِنْ شَرِّ مَا خَلَقَ وَمِنْ شَرِّ غَاسِقٍ اِذَا وَقَبَ وَمِنْ شَرِّ النَّفّٰثٰتِ فِى الْعُقَدِ وَمِنْ شَرِّ حَاسِدٍ اَذَا حَسَدَ

तर्जुमा : मै सुबह के रब की पनाह मे आया हर चीज की बदी से जो इसने बनाई और अंधेरे की बदी से जब सिमट आए या छा जाए और औरतों की बदी से जो गिरहों मे फूँक मारे और बुरा चाहने वाले की बदी से जब टोकने या नजर लगाने लगे या हसद करे लगे |                                                                                 (फलक)

फ़ज़ीलत : हुज़ूर रसूल सल्ल ० के घर वालों मे अगर कोई बीमार होता था तो आप इस सूरत को 3 मर्तबा पढ़कर दम कर देते थे | इसके इलावा surah naas भी इसके लिए मुफीद है |

10 : shaitani waswaso ki dua :

رَبِّ اَعُوْذُبِكَ مِنْ هَمَزٰتِ الشَّيٰطِيْنِ وَاَعُوْذُبِكَ رَبِّىْ اَنْ يَّحْضُرُوْنِ

तर्जुमा : ऐ मेरे परवरदिगार , मै शैतानों के वसवसों से तेरी पनाह माँगता हु और ऐ मेरे परवरदिगार मै इस बात से भी तेरी पनाह माँगता हु के शैतान मेरे पास आए और भड़काए |                                                                                                                                                                                                     (मऊमीनून 97-98)

फ़ज़ीलत : shaitani waswase ki dua खुद अल्लाह तआला ने कुरान मजीद मे नाज़िल कर दी है | जिसके पढ़ने से हम शैतान के वसवसों और उसके छेड़ने से बच सकते है |

आज आपने क्या सीखा |

दोस्तों आज आपने qurani dua , qurani masnoon dua को जाना है | उम्मीद है के ये तमाम qurani dua आपकी जरूरत की होंगी और आप इन दुआओ के जरिए अपनी तमाम परेशानी को खतम कर सकते है | क्यूंकि ये कुरान की आयात है और कुरान के हर हर्फ की बहुत बड़ी ताकत है | अगर आपको हमारी ये छोटी सी पोस्ट अच्छी लगे तो दूसरों के साथ इसे शेयर करे ताकि दूसरे परेशान हाल भाईओ को भी इन qurani dua से फायदा पहुँच सके |

 

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