Ramzan Ke Ashray Ki Dua | रमज़ान के (1,2, और 3 अशरे मे ये दुआ पढे |

नाजरीन आज हम आपको बताएंगे Ramzan Ke Ashray Ki Dua । रमजान ऐसा मुबारक महीना है जिसमें हर नेकी के बदले कई गुना सवाब मिलता है ।

नाजरीन कुछ दुआएं हैं जो Ramzan Ke Ashray में पढ़ी जाती हैं । जिनके पढ़ने से आप दुनिया और आखिरत दोनो में फायदा उठा सकते हैं । रमजान का महीना 29 या 30 दिन का होता है और एक अशरा 10 दिन का होता है यानि पूरे महीने मे 3 अशरे होते है और इन तीनों अशरों मे Ramzan Ke Ashray Ki Dua पढ़ी जाती है । जिसे आज हम आपको बताएंगे ।

Ramzan Ke Ashray Ki Dua

दोस्तों ये तो सभी को मालूम है के रमज़ान का महीना अल्लाह ने हमारे लिए रहमत , मग़फिरत और दौजख की आग से बचने के लिए बनाया है । ताकि हम इसके दिए हुए इनाम और अहसान से खूब फायदा उठा सके , और इस बरकत व रहमत वाले महीने मे अपने गुनाहों से छुटकारा पाकर जन्नत हासिल कर सके ।

हमने आपको ऊपर भी बताया है के रमज़ान के 3 अशरे है और इन तीनों अशरों मे अलग-अलग दुआ पढ़ी जाती है । हम आपको बताने जा रहे है के Ramzan Ke Ashray Ki Dua मे पहली दुआ कौनसी है और कब पढ़ी जाती है ।

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Ramzan Ke Pehle Ashray Ki Dua

दोस्तों रमज़ान का पहला अशरा 1-10 दिन तक होता है । ये अशरा अल्लाह की रहमत का होता है यानि इस अशरे मे अल्लाह से रहमत की दुआ की जाती है । जिसका एहतमाम हमे और आपको खूब करना है । आप जब भी खाली बैठे हो या नमाज़ के बाद और कुरान की तिलावत के बाद इस दुआ को पढे और साथ मे इसके तर्जुमे को भी ध्यान मे रखे । Ramzan Pehle Ke Ashray Ki Dua ये है ।

رَبِّ اغْفِرْ وَارْحَمْ وَاَنْتَ خَيْرُ الرَّاحِمِيْنَ

Ramzan Ke Pehle Ashray Ki Dua In Hindi :

रब्बिग़ फिर वर-हम वा अंता खाइरुर राहिमीन 

तर्जुमा : ए मेरे अल्लाह मुझे बख्श दे मुझ पर रहम फरमा बेशक तू सबसे बेहतर रहम करने वाला है।

आप इसकी जगह ये दुआ भी पढ़ सकते है ,

اَللّٰهُمّ ارْحَمْنِىْ يَآ اَرْحَمَ الرَّاحِمِيْنَ

हिन्दी मे :

अल्लाहुममर हमनी या अरहमर राहिमीन 

Ramzan Ke Dusre Ashray Ki Dua

Ramzan Ke Ashray Ki Dua मे दोस्तों रमज़ान का दूसरा अशरा 11-20 दिन तक होता है । इस अशरे मे अल्लाह से अपने लिए मग़फिरत की दुआ की जाती है । इस दुआ को भी आप रमज़ान के दूसरे अशरे मे कसरत से पढे और अल्लाह से दुआ मांगते वक़्त भी इस दुआ का एहतमाम रखे । वो दुआ ये है ,

اَسْتَغْفِرُ اللّٰهَ رَبِّ مِنْ كُلِّ ذَمْبٍ وَّاَتُوْبُ اِلَيْهِ

Ramzan Ke Dusre Ashray Ki Dua In Hindi :

असतग़फिरूल-लाहा रब्बी मिन कुल्ली ज़म्बिन वा अतूबु इलैहि 

तर्जुमा : मैं अल्लाह से तमाम गुनाहों की बख्शीश मांगता / मांगती हूं जो मेरा रब है , और मै उसी की तरफ रुजू करता / करती हूं ।

या ये दुआ पढे ,

اَللّٰهُمَّ اغْفِرْ لِىْ ذُنُوْبِىْ يَا رَبَّ الْعٰلَمِيْنَ

हिन्दी मे :

अल्लाहुममग़ फिर ली जुनूबी या रबबल आलमीन 

Ramzan Ke Teesre Ashray Ki Dua

Ramzan Ke Ashray Ki Dua मे रमज़ान का तीसरा अशरा 21-29 या 30 दिन तक होता है और इस अशरे मे अल्लाह से दौजख की आग से पनाह मांगी जाती है । यानि इस अशरे मे अल्लाह से दौजख की आग से बचने के लिए दुआ की जाती है । वो दुआ ये है ,

اَللّٰهُمَّ اَجِرْنِىْ مِنَ النَّارِ

Ramzan Ke Teesre Ashray Ki Dua In Hindi :

अल्लाहुम्मा अजिरनी मिनन नार 

तर्जुमा : ऐ अल्लाह मुझे जहन्नुम की आग से निजात दे ।

या ये दुआ पढे ,

اَللّٰهُمَّ اَتْقِنِىْ مِنَ النَّارِ وَاَدْخِلْنِىْ فِى الْجَنَّةِ يَا رَبَّ الْعٰلَمِيْنَ

हिन्दी मे :

अल्लाहुम्मा अतकिनी मिनन नारी वा अदखिलनी फिल जन्नती या रबबल आलमीन 

ये है Ramzan Ke Ashray Ki Dua तीनों जो हमने आपको तीनों दुआ की दूसरी दुआ बताई है आप इन्हे भी पढ़ सकते है । इसमे कोई हर्ज नहीं है ।

दोस्तों ये तो है Ramzan Ke Ashray Ki Dua थी । अगर आपको सहरी मे पढ़ी जाने वाली दुआ या इफ्तार के वक़्त कौनसी दुआ पढ़ी जाती है मालूम नहीं है तो आप यहां Sehri Ki Dua और Iftar Ki Dua पढ़ सकते है ।

Sehri Ki Dua

दोस्तों सहरी के वक़्त कुछ खाना पीना मसनून है । जो शख्स भी सहरी के वक़्त उठता है तो फ़रिश्ते उसके लिए रहमत की दुआ करते है और अल्लाह उस पर रहमत नाज़िल करते है । इसलिए हमे भी सहरी के वक़्त उठकर कुछ खाना चाहिए अगर भूक न हो तो पिनखजूर और पानी से रोज़ा रख सकते है ।

दोस्तों अब बात करते है Sehri Ki Dua या Roza Rakhne Ki Dua । हम आपको बता दे की सहरी या रोज़ा रखने की कोई खास दुआ नबी से साबित नहीं है । कुछ फुकहा ने इन दुआओ को लोगों की सहूलियत के लिए लिखी है । रोज़ा की नियत या सहरी की दुआ की नियत अगर आप दिल मे इरादा कर ले तब भी आपका रोज़ा हो जाएगा , क्यूंकी नियत तो दिल के इरादे का नाम है यानि अगर आपने ये इरादा कर लिया के की मै कल का रोज़ा रखूँगा तो आपका रोज़ा हो जाएगा ।

लेकिन हमारे बहुत से भाई-बहन ऐसे है जिन्हे जुबान से इकरार करने मे ज्यादा इत्मीनान मिलता है , तो आप ये दुआ पढ़ सकते है ।

وَ بِصَوْمِ غَدٍ نَّوَيْتُ مِنْ شَهْرِ رَمَضَانَ

Sehri Ki Dua In Hindi :

वा बिसऊमी ग़दिन नवैतु मिन शहरी रमज़ान 

वैसे ये पढ़ना जरूरी नहीं है अगर आप ने एक बार दिल से पक्का इरादा कर लिया तो आपका रोज़ा तब भी हो जाएगा ।

नाज़रीन आप सहरी के वक़्त इस दुआ का एहतमाम रखे । यानि जब सुबह सहरी का वक़्त होता है तो उस वक़्त इस दुआ को पढ़ते रहना चाहिए ।

يَاوَاسِعَ الْمَغْفِرَةِ

और असर व मग़रिब की नमाज़ के दरमियान मे इस दुआ को पढ़ना चाहिए ।

يَا وَاسِعَ الْفَضْلِ اِغْفِرْلِىْ

Iftar Ki Dua

दोस्तों मग़रिब की अज़ान के वक़्त रमज़ान खोलते है और उस वक़्त एक दुआ पढ़ी जाती है वो दुआ ये है ,

اَللّٰهُمَّ اِنِّىْ لَكَ صُمْتُ وَبِكَ اٰمَنْتُ وَعَلَيْكَ تَوَكَّلْتُ وَعَلٰى رِزْقِكَ اَفْطَرْتُ 

Iftar Ki Dua In Hindi :

अल्लाहुम्मा इननी लका सुमतु व-बिका आमंतु व-अलैका तवक्कलतु व-अला-रिजक़िका अफ़तरतू 

Ramzan Ke Ashray Ki Dua के अलावा नाज़रीन आप रमज़ान शरीफ के रोज़ों मे इस दुआ को चलते फिरते कसरत से पढ़ते रहे , वो दुआ ये है :

لَآ اِلٰهَ اِلَّا اللّٰهُ نَسْتَغْفِرُ اللّٰهَ نَسْاَلُك اَلْجَنَّةَ وَنَعُوْذُ بِكَ مِنَ النَّارِ

हिन्दी मे :

ला इलाहा इल्लल-लाहु नसतग़-फिरूललाहा नस अलुकल जन्नता व नौज़ुबिका मिनन नार   

दोस्तों आप इस दुआ को Ramzan Ke Ashray Ki Dua के अलावा रमज़ान के महीने मे कभी भी लेटते बैठते , चलते फिरते कसरत से पढिए  । दोस्तों हमने आपको इतनी सारी दुआ इसलिए बताई है क्यूंकी रमज़ान के महीने  का एक मिनट भी बहुत कीमती है और इस कीमती वक़्त को फुजूल कामों मे न खर्च करके बल्कि अपने लिए दुनिया और आखिरत की कामयाबी का जरिया बना सकते है । इस मुबारक महीने  मे अल्लाह ताला अपने बंदों पर रहमत और अपने खजाने की बारिश बरसाता है तो क्यू न हम सब भी इस बारिश से फायदा उठाए ।

आज आपने क्या सीखा । 

आज आपने Ramzan Ke Ashray Ki Dua , रमज़ान के पहले , दूसरे और तीसरे अशरे मे कौन सी दुआ पढ़ी जाती है इसको जाना है । इसके अलावा आज आपने Sehri Ki Dua और इफ्तार के वक़्त कौन सी दुआ पढ़ी जाती है इसे भी जाना है । रमज़ान के महीने मे कौन सी दुआ कसरत से पढ़नी चाहिए आज अपने ये भी जानी है । उम्मीद करते है की आपको ये हमारी पोस्ट समझ या गई होगी । अससलामु अलैकुम

 

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