अस्सलामु अलैकुम नाज़रीन खुशामदीद आपके अपने ब्लॉग islamicpathshala मे | आज हम आपको salatul tasbeeh namaz , salatul tasbeeh , salatul tasbeeh ki namaz ka time , salatul tasbeeh namaz niyat इसके अलावा और भी बहुत कुछ बताने वाले है |
दोस्तों आज हम आपको एक ऐसी नफ़िल नमाज़ बताने वाले है| जिसे पढ़कर आपके तमाम छोटे-बड़े , अगले-पिछले , नए-पुराने सारे गुनाह माफ हो जाएंगे | इसके पढ़ने से अल्लाह तआला आपके तमाम सगीरह और कबीराह गुनाह माफ कर देते है |
दोस्तों salatul tasbeeh namaz नमाज़ का हदीस शरीफ मे बड़ा सवाब बताया गया है | इसके पढ़ने से बे इंतहा सवाब मिलता है | साथ मे सारे गुनाह माफ हो जाते है | लेकिन नमाज़ पूरे यकीन और दिल लगाकर पढ़नी है | नमाज़ कोई भी हो उसमे सुकून जरूरी है | तब ही हमे कुछ फायदा होगा |
salatul tasbeeh ki namaz ka time
सबसे पहले हम आपको ये बता दे कि salatul tasbeeh ki namaz ka time क्या है | क्यूंकि इस बात को लेकर बहुत से लोगों को कन्फ़्युशन रहता है | दोस्तों ये नफ़िल नमाज़ है और नफ़िल नमाज़ आप किसी भी वक़्त मे अदा कर सकते है | लेकिन एक बात ध्यान मे जरूर रखे कि वक़्त मकरूह न हो |
नमाज़ सिर्फ 3 मकरूह औकात मे नहीं पढ़ी जाती | (1) तुलु आफताब (सूरज निकलना ) (2) जवाल के वक्त (जब सूरज बीच मे हो ) (3) गरूब आफताब (सूरज डूबना )
इसके अलावा आप जब भी चाहे salatul tasbeeh namaz अदा कर सकते है |
salatul tasbeeh namaz niyat
दोस्तों salatul tasbeeh namaz niyat बहुत आसान है | हम आपको बता दे की इस नफ़िल नमाज़ की नियत कैसे बांधते है | दोस्तों असली नियत तो दिल से होती है | अगर आप सिर्फ दिल मे इरादा कर ले कि मै salatul tasbeeh ki namaz पढता / पढ़ती हु | तो आपकी नमाज़ हो जाएगी | मगर बहुत से हज़रात और बहनों को इत्मीनान नहीं होता |
तो आप वुजु करके मुसल्ले पर खड़े होने के बाद ये कहे नियत करता / करती हु 4 रकात नफ़िल salatul tasbeeh namaz की, या 4 रकत नमाज़ नफ़िल salatul tasbeeh की वास्ते अल्लाह के रुख मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर |
note : दोस्तों नफ़िल नमाज़ मे वक़्त का कहना लाज़िम (जरूरी ) नहीं है | क्यूंकि इस नमाज़ का कोई मुकर्रर टाइम नहीं होता | इतना कहने पर भी आप की नियत सही होगी |
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salatul tasbeeh ka tareeqa
अब हम आपको salatul tasbeeh ka tareeqa या salatul tasbeeh ki namaz या फिर ये कहे कि salatul tasbeeh ki namaz ka तरीका बताएंगे | दोस्तों salatul tasbeeh ka tareeqa दो तरह का है | यहां हम आपको दोनों तरीके से इस नफ़िल नमाज़ का जिक्र करेंगे |
salatul tasbeeh namaz in hindi का पहला तरीका |
- सबसे पहले नियत करले जो हमने आपको ऊपर् बताई है या अपने बेहतर तरीके से |
- उसके बाद sana surat पढे उसके बाद आउजुबिल्ला और बिस्मिल्ला पढे उसके बाद surah fatiha in hindi पढे और साथ मे कोई सूरत पढे |
- फिर तीसरा कलिमा 15 मर्तबा पढे |
- उसके बाद रुकु मे जाए रुकु की तसबीह subhana rabbiyal azeem के बाद 10 मर्तबा तीसरा कलिमा पढे |
- रुकु से कोमा यानि समीयल्लाहु लिमन हमीदा रब्बा न लकल हमद्द कहने के बाद तीसरा कलिमा 10 मर्तबा पढे |
- अल्लाहुअकबर कहते हुए सजदे मे जाए ओर सजदे की तसबीह के बाद फिर 10 मर्तबा तीसरा कलिमा पढे |
- पहले सजदे से उठते टाइम अल्लाहुअकबर कहने के बाद और दूसरे सजदे मे जाने से पहले यानि (जलसा ) के दरमियान 10 मर्तबा तीसरा कलिमा पढे |
- फिर अल्लाहुअकबर कहकर दूसरे सजदे मे जाए और सजदे की तसबीह subhana rabbiyal a’la और उसके बाद तीसरा कलिमा 10 मर्तबा दोबारा पढे |
- अल्लाहुअकबर कहते हुए सजदे से उठ जाए और फिर से 10 मर्तबा तीसरा कलिमा पढे |
इस तरह आपकी एक रकात पूरी हो गई | एक रकात मे तीसरा कलिमा 75 मर्तबा पढ़ना है |
दूसरी, तीसरी और चौथी रकात भी इसी तरतीब से पढ़नी है | जिस तरह हमने पहली रकात आपको बताई है | लेकिन एक जरूरी बात आपको बता दे कि जब आप दूसरी और चौथी रकात मे बैठे तो पहले तीसरा कलिमा पढ़ना है| इसके बाद तशहूद (अतताहियात ) वगैरह पढ़नी है |
salatul tasbeeh namaz ki fazilat
इस नफ़िल इबादत की फ़ज़ीलत को हम नबी अकरम सल्ल ० की बताई हुई हदीस से मान सकते है | हज़रत अब्दुल्लाह बिन अ ० से रिवायत है के नबी करीम सल्ल ० ने अपने चाचा अब्बास बिन अब्दुल मु ० से फरमाया ऐ चाचा जान क्या मै आपको कुछ अता करू | जिसके करने से अल्लाह तआला तुम्हारे छोटे-बड़े , अगले-पिछले , नए-पुराने सारे गुनाह माफ कर देगा | फिर ये पूरा तरीका बताया जो हमने आपको ऊपर बताया है |
फिर फरमाया के इस नमाज़ को रोज पढ़ा करो अगर रोज न पढ़ सको तो हर जुमा मे एक बार पढ़ो | अगर इतनी भी ताकत न हो तो हर महीने मे एक बार जरूर पढ़ो | और महीने मे भी न पढ़ सको तो साल मे एक बार जरूर पढ़ो | और अगर साल मे भी न पढ़ सको तो अपनी ज़िंदगी मे इस नफ़िल नमाज़ को एक बार जरूर पढ़ो | इसके पढ़ने की फ़ज़ीलत यही है की अल्लाह तआला हमारे सारे गुनाह माफ कर देता है |
tisra kalma in hindi
सुब्हानल्लाही वल हम्दुलिल्लाही वला इलाहा इल्लल्लाहु वल्ला हु अकबर
वला हौला वला कुव्वता इल्ला बिल्लाहिल अलियिल अज़ीम
note :आप चाहे तो इस कलमे को वल्ला हु अकबर तक भी पढ़ सकते है | बहुत सी हदीस मे इतना कलमा पढ़ने से भी पूरा सवाब लिखा है |
salatul tasbeeh ka tareeqa
salatul tasbeeh namaz in hindi का दूसरा तरीका |
- दोस्तों सबसे पहले नियत करले जो हमने आपको बताई है या जो आपको सही लगे |
- sana surat पढ़ने के बाद 15 मर्तबा तीसरा कलिमा पढे फिर आउजुबिल्ला और बिस्मिल्ला पढे उसके बाद surah fatiha in hindi पढे और साथ मे कोई सूरत पढे उसके बाद फिर से 10 मर्तबा तीसरा कलिमा पढे |
- फिर रुकु मे जाए और रुकु की तसबीह subhana rabbiyal azeem पढ़ कर 10 मर्तबा तीसरा कलिमा पढे |
- रुकु से उठने के बाद कोमा यानि समीयल्लाहु लिमन हमीदा रब्बा न लकल हमद्द कहने के बाद तीसरा कलिमा 10 मर्तबा पढे |
- अल्लाहुअकबर कहते हुए सजदे मे जाए ओर सजदे की तसबीह subhana rabbiyal a’la के बाद फिर 10 मर्तबा तीसरा कलिमा पढे |
- पहले सजदे से उठते टाइम अल्लाहुअकबर कहने के बाद और दूसरे सजदे मे जाने से पहले यानि (जलसा ) के दरमियान 10 मर्तबा तीसरा कलिमा पढे |
- फिर अल्लाहुअकबर कहकर दूसरे सजदे मे जाए और सजदे की तसबीह subhana rabbiyal a’la और उसके बाद तीसरा कलिमा 10 मर्तबा दोबारा पढे |
इस तरह आपकी एक रकात पूरी हो गई | एक रकात मे तीसरा कलिमा 75 मर्तबा पढ़ना है | ये salatul tasbeeh namaz का दूसरा तरीका है |ध्यान सिर्फ इस बात का रखना है कि अत्ताहीययात आपको बाद मे पढ़नी है | इसके अलावा चौथी रकात मे अत्ताहीययात , दुरूद शरीफ और दुआ ऐ मासुरा बाद मे पढे |
conclusion
दोस्तों आज आपने salatul tasbeeh namaz , salatul tasbeeh , salatul tasbeeh ki namaz ka time , salatul tasbeeh namaz niyat जानी है | इसके अलावा इस नफ़िल नमाज़ की फ़ज़ीलत भी आपको हमने बताई है | जिसके पढ़ने से अल्लाह तआला हमारे तमाम छोटे बड़े , अगले पिछले सारे गुनाह माफ कर देते है | और आपने salatul tasbeeh namaz ki fazilat भी जानी है |