Surah Aal e Imran Ki Akhri 11 Ayat | इस सूरत की खास फ़ज़ीलत क्या है |

कुरान मजीद की हर सूरह के अपने खास फजाइल है इसी तरह Surah Aal e Imran Ki Akhri 11 Ayat पढ़ने की बहुत सारी फ़ज़ीलत है । जिनमे आज हम आपको कुछ खास फ़ज़ीलत बताने जा रहे है । इसके अलावा हम आपको Surah Al e Imran पढ़ने की फ़ज़ीलत भी बताएंगे । पोस्ट को मुकम्मल पढ़ने के लिए हमारे ब्लॉग  islamicpathshala मे बने रहे है ।

नाज़रीन Surah Aal e Imran Ki Akhri 11 Ayat पढ़ने की कुछ फ़ज़ीलत हम आपको हदीस से साबित बताएंगे । दोस्तों इस सूरह की चंद आयत ऐसी है जिन्हे वजीफे के तौर पढ़ा जाता है और इन आयत को पढ़कर बहुत से लोगों ने फायदा हासिल किया है ।

Surah Aal e Imran Ki Akhri 11 Ayat

नाज़रीन यहां हम आपको 2 बड़ी फ़ज़ीलत बताने जा रहे है । जो हदीस से साबित है ।

(1)

हदीस से साबित है के रात मे जब रसूल अल्लाह सल्ल ० tahajjud ki namaz के लिए उठते , तब Surah Aal e Imran Ki Akhri 11 Ayat की तिलावत फरमाते । (बुखारी शरीफ) मे है के हज़रत अब्दुल्लाह बिन अब्बास रजि ० फरमाते है मैंने अपनी खाला के रात गुज़ारी । ये माई साहिबा हुज़ूर सल्ल० की बीवी साहिबा थी । जब हुज़ूर सल्ल ० आए तो थोड़ी देर तक तो आप हज़रत मेमूना रजि ० से बाते करते रहे फिर सो गए ।

अब आखिरी तिहाई रात बाकी रह गई तो आप उठ बैठे और आसमान की तरफ निगाह करके Surah Aal e Imran Ki Akhri 11 Ayat तिलावत फरमाई । फिर खड़े हुए और मिसवाक करके वुजु किया और 11 रकात नमाज़ अदा की । हज़रत बिलाल रजि ० की सुबह की अज़ान सुनकर फिर दो रकाते सुबह की सुन्नते पढ़ी फिर मस्जिद मे तशरीफ़ लाकर लोगों को सुबह की नमाज़ पढ़ाई ।

(2)

हज़रत उस्मान बिन अफ़फान रजि ० से मुरवी है के जो शख्स Surah Aal e Imran Ki Akhri 11 Ayat आयते पढ़ ले तो उसे रात भर नमाज़ पढ़ने का सवाब मिलेगा ।                                                                                                                                                                                        (दारिमि)

Surah Aal e Imran Ki Akhri 11 Ayat In Hindi :

(1) इन्ना फी खलक़िस समावाति वल अरज़ि वखतिलाफि लैलि वन्नहारि ला आयातिल लिउलिल अलबाब ।

(2) अल्लज़ीना यज़कुरूनल् लाहा क़ियामौ वक़ु ऊदौ व अला जुनूबिहिम व यताफक्करूना फी खलक़िस समावाति वल‌‌‌ अरज़ि रबबना मा खलकता हाज़ा बातिलन सुबहानका फ़क़िना अज़ाबन नार ।

(3) रब्बना इन्ना का मन तुदख़िलिन नारा फक़द अख़ज़ैताहू वहां लिज़्जालिमीना मिन अनसार ।

(4) रब्बना इन्ना ना समिना मुनादियै युनादी लिल ईमानी अन आमिनू बिरब्बिकुम फामन्ना रब्बना फगफिरलना ज़ुनूबना वकफफ़िर सय्यिआतिना वतावफ्फना माअलअबरार।

(5) रब्बना मा वअत्तना अला रुसुलिका वला तुख़ज़िना यौमल क़ियामति इन्ना का तुखलिफुल मिआद ।

(6) फसतजाबा लाहुम रब्बुहू अन्नी ला उज़ीउ अमला आमिलिम मिन कुम मिन ज़कारिन औ ऊन्सा बाज़ुकुम मिम बअज़ फल्लज़ीना हाजरू वह उख़रिजू मिन दियारिहिम व ऊज़ू फी सबीली व क़ितलू व क़ुतिलू ला उकफ्फि रन्ना अनहुम सय्यिआ तिहिम वला उदख़िलन्ना हुम जन्नातिन तजरी मिन तहतिहल अनहार सवाबम मिन इन्दिल्लाह वल्लाहु इन्दाहू हुस्नुस सवाब ।

(7) ला यग़ुर्रन्नका तक़ल्लु बुल लज़ीना कफरू फिल बिलाद ।

(8) मताउन कलील सुम्मा मा वाहुम जहन्नमु व बिसल मिहाद ।

(9) लाकिनिल लज़ीनत् तक़ौ रब्बा हुम लहुम जन्नातुन तजरी मिन तहतिहल अनहारु ख़ालिदीना फ़ीहा नुज़ुलम मिन इन्दिल्लाह वहां इन्दल्लाहि ख़ैरुल लिल अबरार ।

(10) व इन्ना मिन अहलिल किताबी लमै युमिनु बिल्ला हि वमा उन्ज़िला इलैहिम ख़ाशि ईना लिल्लाहि ला यशतरुना बि आयातिल लाहि समानन क़लीला चला इका लहुम अजरुहुम इन्दा रब्बिहिम इन्नलाहा सरी उल हिसाब ।

(11) या अय्युहल लज़ीना आमनुस बिरू व साबिरू वराबितू वत्ताक़ुल् लाहा ला-अल्लाकुम तुफ़लिहून ।

अगर आप उर्दू मे इन आयतों को पढ़ना चाहते है तो हमने इसकी pdf download की है आप नीचे देख सकते है ।

Surah Aal E Imran Ki Aakhri 11 Ayat

दोस्तों ये फ़ज़ीलत तो Surah Aal e Imran Ki Akhri 11 Ayat की है इसके साथ ही साथ हम आपको Surah Al e Imran की तिलावत की फ़ज़ीलत भी बताने जा रहे है ।

Surah Al e Imran Ki Fazilat

दोस्तों पहले इस सूरत के नुज़ूल के बारे मे जान लीजिए । दोस्तों Surah Al e Imran कुरान पाक की तिलावत के एतबार से तीसरे नम ० पर और नाज़िल होने के एतबार से 89 नम ० पर मौजूद है । इस सूरत के 20 रुकु और 200 आयत है और ये सूरत मदीना मनव्वरह मे नाज़िल हुई ।

इस सूरत की फ़ज़ीलत हदीस से साबित है जो नबी अकरम सल्ल ० ने इरशाद फरमाई है ।

रसूल अल्लाह सल्ल ० इरशाद फरमाते है के क़यामत के रोज कुरान मजीद और इस पर अमल करने वालों को बुलाया जाएगा । जिनके आगे surah baqarah और Surah Al e Imran होंगी । हमारे हुज़ूर ने इन सूरतों की  3 मिसाल बताई ,

  1. वो दोनों सूरते बादलों के दो टुकड़ों की तरह होंगी जो दोनों सूरत तिलावत करने वालों को साया देंगी ।
  2. दो काले रंग की छतरियाँ होंगी जिनमे से रोशनी आ रही होगी ।
  3. दो क़तारे परिंदों की होंगी जो अपने पढ़ने वालों के लिए झगड़ेंगी ।

जो शख्स भी जुमा के दिन Surah Al e Imran पढता है , तो फ़रिश्ते रात भर उसके लिए मग़फिरत की दुआ करते रहते है ।

इसकी (Surah Al e Imran) तिलावत करने से दुनिया मे क्या फायदा है अब हम आपको ये बताने जा रहे है ।

पहाड़ बराबर क़र्ज़ का खतम होना ।

दोस्तों आज के इस दौर मे कोई ही ऐसा शख्स है जिसके ऊपर कर्ज का बोझ न हो । अगर आपके ऊपर भी बहुत ज्यादा कर्ज हो गया है और आप बहुत परेशान है तो आप बे फिक्र हो जाइए क्यूंकि Surah Al e Imran की तिलावत पहाड़ के बराबर कर्ज को भी खतम कर देती है । अगर आप भी चाहते है के हमारे ऊपर से कर्ज का बोझ खतम हो जाए तो इस सूरत की तिलावत करने का मामूल बना ले फिर देखिए की आपका कर्ज चंद दिनों मे ही खतम हो जाएगा । इनशाल्लाह

रोज़ी मे बरकत ।

नाज़रीन रोजगार को लेकर आज हमारे सभी भाई परेशान है आज बे रोजगारी की परेशानी बहुत ऊंचे स्तर पर है लेकिन इतनी परेशानी के बावजूद भी कोई अल्लाह से मांगने के लिए तय्यार नहीं है और इसी वजह से आज हमारे ये हालात है । अगर हम अल्लाह से मांगे तो हमारे लिए कोई भी काम मुश्किल नहीं है ।

आखिर मे हम यही कहेंगे की अगर आप रोज़ी को लेकर बहुत परेशान है तो आप Surah Al e Imran की तिलावत रोज करे तो इनशाल्लाह आपकी ये परेशानी खतम हो जाएगी और अल्लाह आपको ऐसी जगह से रिज्क अता फरमाएंगे जहां से आपको गुमान भी नहीं ।

इसके अलावा Surah Aal e Imran Ki Akhri 11 Ayat  को रोजाना पढ़ेंगे तो इनशाल्लाह आप हर बला और शैतान , जिन्न  से हिफाजत मे रहेगे और आपकी तमाम परेशानी हल हो जाएंगी ।

आज आपने क्या सीखा। 

आज आपने Surah Aal e Imran Ki Akhri 11 Ayat हिन्दी और उर्दू मे जानी है । साथ ही साथ इसके पढ़ने से क्या फायदा हासिल होता है इसके बारे मे भी जाना है । नाज़रीन इसके साथ आपको Surah Al e Imran की तिलावत और इसके पढ़ने से दुनिया और आखिरत मे क्या फायदे है ये भी आज आपने जाना है । उम्मीद करते है की आपको ये हमारी information अच्छी लगी हो । मिलते है अगली पोस्ट के साथ अससलामु अलैकुम ।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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