अस्सलामु अलैकुम वा रहमतुल लाही वबा रकातुहू कैसे है आप सब लोग उम्मीद है की आप सब खैरियत से होंगे | आज हम आपके लिए surah mulk ki fazilat लेकर आए है | जिसे जानने के बाद आप कभी भी इसे पढे बगैर नहीं सोएंगे |
दोस्तों surah mulk 67 ki fazilat या surah mulk ki fazilat in hindi इतनी बड़ी है के जब आप इन्हे जानेंगे तो आप खुद हैरान हो जाएंगे | अल्लाह ने अपने बंदों के लिए इतने सारे इनामात अता फरमाए है की हमसे तो उसका शुक्र भी अदा नहीं होता |
surah mulk ki fazilat बताते हुए हम आपको ये भी बताएंगे की ये सूरह कॉन्से पारह मे है | सबसे पहले इसी की बात करते है | ये सूरह कुरान ऐ मजीद के 29 वे पारह मे मौजूद है | जो मक्का मुकररमा मे नाज़िल हुई | इसमे 30 आयते है , नाज़िल होने के एतबार से ये सूरह (77) नम ० पर मौजूद है | लेकिन तिलावत के एतबार से (67) नम ० पर मौजूद है |
surah mulk सूरह तूर के बाद नाजील हुई थी |
surah mulk ki fazilat
दोस्तों यहां हम आपको (9) surah mulk parhne ki fazilat बताएंगे | surah mulk ki fazilat in hindi आप लास्ट तक पढे | ये तमाम फ़ज़ीलते फजाइले कुरान से ली गई है |
magfirat ki surat
अबु हुरैरा रजि ० ने हुज़ूर सल्ल ० का ये इरशाद नकल किया है , के कुरान शरीफ मे एक सूरत 30 आयत की ऐसी है | जो अपने पढ़ने वाले की शिफ़ात करती रहती है , यहां तक के इस की मगफिरत करा दे | वो सूरह तबारकल-लजी है | हमारे नबी सल्ल ० ने इस बात को खुद बताया है के ये सूरत पढ़ने वाले की मगफिरत की सिफारिश करती है | surah mulk ki fazilat सबसे बड़ी यही है की पढ़ने वाले के लिए अल्लाह से मगफिरत तलब करती है |
nabi sall ० ki chahat
surah mulk ki fazilat कितनी बड़ी है के हमारे नबी सल्ल ० का इरशाद है कि मेरा दिल चाहता है की ये सूरत हर मोमिन के दिल मे हो | आप भी इस सूरत को रोजाना पढे और अल्लाह के मोमिन बंदों मे शामिल हो जाए | अल्लाह हर मुसलमान को हुज़ूर सल्ल ० के नेक और पाकीज़ा आदाब अपनाने वाला बनाए |
puri raat ibadat ka sawab
एक रिवायत मे है के जिसने सूरह अलिफ़ लाम मीम सजदा और सूरह तबारकल-लजी को मगरीब और ईशा के दरमियान पढ़ा गोया उसने लैलतुल कद्र मे कयाम किया | यानि जिसने इन दोनों सूरतों को मगरीब और ईशा के बीच मे पढ़ा उसे पूरी रात इबादत का सवाब मिलेगा |
आप भी इन दोनों सूरतों को पढ़ने का मामूल बना ले | अल्लाह ने इतनी सी नेकी करने पर कितने बड़े-बड़े सवाब अपने बंदों के लिए जमा कर रखे है | अल्लाह हमे भी इन सवाबों को हासिल करने की तौफीक अता फरमाए |
buraiya dur karne vali aur nekiya badhane vali
एक रिवायत मे है के जिसने इन दोनों सूरतों को पढ़ा उसके लिए 70 नेकिया लिखी जाती है और 70 बुराइया दूर की जाती है | जी हाँ जो शख्स इन दोनों सूरतों को पढ़ता है तो अल्लाह तआला उसकी बुराइयों को दूर कर देते है और उसकी नेकियों मे इजाफा कर देते है |
allah ke azab se rokne vali
तिरमीजी ने इब्ने अब्बास रजि ० से नकल किया है के बआज़ सहाबा रजि ० ने एक जगह खेमा लगाया था के वहाँ कब्र है अचानक उन खेमा लगाने वालों ने इस जगह को सूरह तबारकल-लजी पढ़ते हुए सुना तो हुज़ूर सल्ल ० से आकर अर्ज किया , हुज़ूर ने फरमाया के ये सूरत अल्लाह के अज़ाब से रोकने वाली है और निजात देने वाली है |
जो शख्स इस सूरत को पढ़ता है | तो अल्लाह उसे दुनिया मे तो इसका अजर अता फरमाता ही है साथ मे अल्लाह के अज़ाब से भी निजात अता फरमाता है | surah mulk ki fazilat ये भी बहुत बड़ी है | क्यूंकि अल्लाह के अज़ाब से तो हर कोई बचना चाहता है |
huzoor ka is surat ko padhe bagair na sona
हज़रत जाबिर रजि ० कहते है की हुज़ूर सल्ल ० उस वक़्त तक न सोते थे जब तक सूरह अलिफ़ लाम मीम सजदा और सूरह तबारकल-लजी न पढ़ लेते थे | surah mulk ki fazilat ये भी है | क्यूंकि हमारे नबी इसे पढे बिना कभी नहीं सोते थे |
हमे भी आदत डालनी चाहिए के इसे पढे बगैर न सोये या फिर सोने से पहले पहले कभी भी पढे | क्यूंकि कब्र हमारे साथ कोई नहीं होगा सिर्फ हमारे आमाल और हमारी नेकिया और हमारी इबादत हीं काम आएगी |
azab e qabr se bachane vali
दोस्तों surah mulk ki fazilat मे ये भी एक बड़ी फ़ज़ीलत है , खालिद बिन मादान रजि कहते है की ये सूरत अपने पढ़ने वाले की तरफ से कब्र मे झगड़ती है और अल्लाह से कहती है के अगर मै तेरी किताब मे से हु तू मेरी शिफात कुबूल कर वरना मुझे अपनी किताब से मिटा दे | परिंदे की मानिंद बनकर अपने पर मययत पर फ़ैला देती है | इस पर अज़ाब ऐ कब्र होने से मना करती है |
ये वो सूरत है जो हमे अज़ाब ऐ कब्र होने से बचाएगी | इसलिए हमे इसके पढ़ने का पूरा एहतमाम करना चाहिए | मगरिब और ईशा मे इसके पढ़ने का ज्यादा सवाब है | आप इसे ईशा की नमाज़ के बाद भी पढ़ सकते है | जब आप इन दोनों सूरतों को रोजाना पढ़ेंगे तो ये आपके याद भी हो जाएंगी |
quran ki surato me aham maqam
ताऊस कहते है के ये दोनों सूरते तमाम कुरान की हर सुरत पर 60 नेकियाँ ज्यादा रखती है | जी हाँ इसका मतलब ये है की हमारे कुरान मजीद की हर सूरत से ये दोनों सूरते 60 नेकिया ज्यादा रखती है | ये भी एक surah mulk ki fazilat है के अल्लाह कुरान मजीद की तमाम सूरतों मे इसके पढ़ने वाले को 60 नेकिया ज़्यादा अता फरमाता है |
har pareshani ko dur karne vali
जो शख्स surah mulk 41 मर्तबा पढ़ेगा तो उसकी सारी मुशकिले हल हो जाएंगी | तमाम आफत से महफूज रहेगा और अगर उस पर कर्ज हो गया है तो वो भी अल्लाह के फजल और कर्म से खतम हो जाएगा | इनशाल्लाह |
आज आपने क्या सीखा |
आज आपने surah mulk ki fazilat और इसके पढ़ने के तरीके को जाना है | उम्मीद है की ये हमारी छोटी सी पोस्ट आपको पसंद आए | आप भी सूरह अलिफ़ लाम मीम सजदा और सूरह तबारकल-लजी पढे और इनके पढ़ने से दुनिया और आखिरत मे फायदा उठाए | अपने घर वालों और अपने दोस्तों को भी surah mulk ki fazilat के बारे मे बताए | अल्लाह हाफ़िज़ |