Surah tauba ki fazilat | Surah tauba ki akhri 2 ayat ki fazilat

अस्सलमुआलेकुम दोस्तों आपकेअपने ब्लॉग islamicpathshala मे आपका स्वागत है | दोस्तों आज हम surah tauba ki fazilat और surah tauba ki akhri 2 ayatki fazilat के बारे मे बताएंगे | दोस्तों आपकी जानकारी के लिए हम बता दे surah tauba कुरान मजीद मे 10 वे पारे की सूरत है  | ये कुरान मजीद मे ऐसी सूरह है जिसके  आगाज मे बिस्मिल्लाह नहीं है | ये सूरत मदीने मुबारक मे नजिल हुई जिसमे 129 आयत और 16 रुकहू है |

इस  surah tauba दो मुबारक नामों से जाना जाता  है | जिसका पहला नाम at tauba और al braat इस सूरह का at tauba नाम इस लिहाज से रखा गया क्योंकि इसमे एक जगह  बआज़ ऐहले ईमान वालों के कुसूरों की माफी का जिक्र है | और al braat नाम इसलिए रखा गया क्योंकि इस सूरह के आगाज मे मुशरीकीन से बरी  – उज – जिमा होने का जिक्र है |rah taua ki akhri ayat ki fazilat

वैसे तो कुरान मजीद का एक एक हरफ पढ़ने की बहुत बड़ी फ़ज़ीलत है इसलिए हमे चाहिए की रोजाना कसरत से कुरान मजीद की तिलावत करे | हज़रत उस्मान बिन अफ़फान रजि. से रिवायत है नबी करीम सल्ल ने फरमाया कि तुम मे सबसे बेहतर वो शख्स है जो कुरान सीखे और सिखाए |

हज़रत उमर बिन खत्ताब रजि. फरमाते है के नबी करीम सल्ल ने फरमाया कि अल्लाह तआला बहुत से लोगों को इस कुरान ऐ करीम की बरकत से सरफराज फरमाएंगे और बहुत से लोगों को कुरान ऐ करीम की वजह से जलील फरमाएंगे |

अरबी मे दुआ : surah tauba ki akhri 2 ayatki

لَقَْدْ جَآءَكُمْ رَسُوْلٌ مِّنْ اَنْفُسِكُمْ عَزِيْزٌ عَلَيْهِ مَا عَنِتُّمْ حَرِيْصٌ عَلَيْكُمْ بِلْمُؤْمِنِيْنَ رَءُوْفٌ رَّحِيْمٌ

فَاِنْ تَوَلَّوْ ا فَقُلْ حَسْبِىَ اللّٰهُ لَآ اِلٰهَ اِلّاَ هُوَ عَلَيْهِ تَوَكَّلْتُ وَهُوَ رَبُّ الْعَرْشِ الْعَظِيْمِ

हिन्दी मे दुआ : surah tauba ki akhri 2 ayatki in hindi

लक़द जाअकुम रसूलुम् मिन अनफुसिकुम अज़ीज़ुन अलैहि मा अनित्तुम

 हरीसुन अलैकुम बिल मु मिनीना र ऊफुर्रहीम|

फ इन तवल्लौ फकुल हसबियल्लाहु ला इला ह इल्ला हुवा अलैहि तवक्कलतु

व हुवा रब्बुल अर्शिल अज़ीम|

Surah tauba ki akhri ayat in English

laqad ja- akum rasoolum min anfusikum azeezun alaihi ma anittum

hareesun alaikum bil mu-mineena ra-oofur-raheem .

fa-in-tavallou faqul hasbiyallahu la ilaha illa hua alaihi tavakkaltu va-hua rabbul arshil azeem.

 

तर्जुम:

लोगों तुम्हारे पास तुम ही मे से एक पैगमबेर आए है | तुम्हारी तकलीफ इन को गिरा मालूम होती है और तुम्हारी के बहुत ख्वाहिश मंद है | मोमिनो पर निहायत शफकत करने वाले और महरबान है फिर अगर ये लोग फिर जाए (और न माने) तो कह दो के खुदा मुझे किफायत करता है इसके सिवा कोई मआबूद नहीं इस पर मेरा भरोसा है और वही अरश ऐ अज़ीम का मालिक है |

surah tauba ki akhri ayat ki fazilat की बात की जाए तो इसके पढ़ने के बे शुमार फायदे है | जो शख्स भी सुबह और शाम को सोते वक़्त 5 मर्तबा surah tauba ki akhri 2 ayat पढ़ेगा तो अल्लाह तआला उसे बहुत सारी निमतों से नवाजेगा |

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surah taubt

यहां पर हम surah tauba ki akhri 2 ayat  पढ़ने की कुछ फ़ज़ीलत बता रहे है |

सबसे बड़ी फ़ज़ीलत ये है कि जो भी surah tauba ki akhri 2 ayat रात मे बिस्मिल्लाह के साथ सोने से पहले पढ़ेगा तो अल्लाह तआला उसे हुज़ूर ऐ पाक सल्ल का दीदार नसीब फरमाएगा  इनशाल्लाह | दोस्तों हुज़ूर ऐ पाक सल्ल के दीदार की तड़प तो हर मुसलमान को है तो इन मुबारक आयत को पढ़ने से हमे अपने नबी सल्ल का दीदार नसीब होगा जो हमारे लिए दुनिया और आखिरत की बहुत बड़ी नियामत है|

दोस्तों इस आयत की दूसरी सबसे बड़ी फ़ज़ीलत ये है कि इसके पढ़ने वालों की अल्लाह तआला हिफाजत फरमाते है|  दुनिया की कोई ताकत नहीं कि कोई हमारी हिफाजत कर सके अगर अल्लाह हमारी हिफाजत न फरमाए | अल्लाह तआला ही तमाम मखलुकात की हिफाजत फरमाने वाले है |

surah tauba last 2 ayat benefits

दोस्तों इस आयत की तीसरी बड़ी फ़ज़ीलत ये है की इसके पढ़ने वालों के लिए अल्लाह तआला रिज्क की तंगी दूर फरमाते है | आज के इस दौर मे कारोबार से हर कोई परेशान है| कारोबार की तरक्की के लिए सब काम करते है लेकिन अल्लाह से नहीं मांगते है जिसकी वजह से आज परेशानी भुगत रहे है |

दोस्तों अल्लाह ने रिज्क की तकसीम का वादा हर जानदार से किया है और ये बात हकीकत है कि अल्लाह तआला किसी को नहीं भूलता जो इसकी इबादत करता है वो इसे भी देता है जो इसका नाफरमान बंदा है वी इसे भी अता फरमाता है |

अगर कोई शख्स हर नमाज़ के बाद surah tauba ki akhri 2 ayat पढ़ने का मामूर बना ले तो अल्लाह तआला उसके रिज्क मे बरकत और कारोबार मे तरक्की फरमाता  है | उसे ऐसी जगह से रिज्क अता फरमाते है जहां से उसे गुमान भी नहीं होता है |

surah tauba ki akhri 2 ayat ki fazilat मे चौथी फ़ज़ीलत भी कम नहीं है | जो भी इन आयत को पूरे यकीन के साथ पढ़ता है तो अल्लाह तआला उसके लिए दिन पर चलन आसान बना देते है | बेशक अल्लाह ही हिदायत देने वाला है अल्लाह जिसको चाहे दीन की दौलत से नवाजे और जिसको चाहे उसे इस दौलत से महरूम कर दे |

surah tauba ki akhri 2 ayat ki fazilat मे सबसे बड़ी और पाँचवी फ़ज़ीलत ये है कि अल्लाह तआला इसके पढ़ने वाले को दुनिया मे अज़ीज़ फरमाता है । उसे हर तरह की इज्जत , शान और शौकत और नुसरत जैसी नियामतों से नवाजता है |उसके लिए उस पर दुनिया आसान फरमा देता है और उसके तमाम बिगड़े कामों को अपने जिम्मे ले लेता है | जिसके काम की हिफाजत अल्लाह ले ले तो उसका दुनिया मे कोई नुकसान नहीं है |

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conclusion

तो दोस्तों आपने ये तो समझ ही लिया है कि surah tauba ki fazilat कितनी बड़ी है | जो भी इस इस सूरत को हर नमाज़ के बाद 7-7 मर्तबा पढे तो अल्लाह तआला उसे बहुत सारी नियाम अता फरमाता है | इसके पढ़ने से अल्लाह तआला रिज्क की तंगी को दूर फरमाता है , दुनिया मे उस शख्स को तसखीर फरमाता है , उसके तमाम बिगड़े कामों को बनाता है और इसके पढ़ने वाले को अल्लाह तआला नबी ऐ पाकसल्ल का दीदार नसीब फराएगा |

Frequently asked question

surah taubah in which para
surah tauba कुरान मजीद मे 10 वे पारे की सूरत है  | ये कुरान मजीद मे ऐसी सूरह है जिसके  आगाज मे बिस्मिल्लाह नहीं है | ये सूरत मदीने मुबारक मे नजिल हुई जिसमे 129 आयत और 16 रुकहू है |

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