Tahajjud ki namaz | Tahajjud ki namaz ka time in 2022

अस्सलामु अलैकुम नाज़रीन आज की इस पोस्ट मे हम आपको बताएंगे  Tahajjud ki namaz  की फ़ज़ीलत और Tahajjud ki namaz ka tarika | अल्लाह के नजदीक सबसे लाडली नमाज़ यही है |

दोस्तों यहां हम आपको Tahajjud ki namaz ki niyat , Tahajjud ki namaz ka time भी बताने वाले है | आपको ये तो मालूम होगा ही हमारी पाँच वक़्तों की नमाज़ के बाद सबसे ज्यादा अहमियत वाली नमाज़ Tahajjud  है |

इस नमाज़ की बे शुमार फ़ज़ीलते है | हमारे नबी करीम सल्ल ० का इरशाद है और हदीस का मफहूम है अल्लाह रबबुल इज्जत tahajjud के वक़्त आसमान ऐ दुनीया पर होते है और फरमाते है | कोई है मुझसे मांगने वाला जो मै उसे दु | है कोई मुझसे मगफिरत तलब करने वाला जो मै उसकी मगफिरत कर दु | है कोई मुझसे बख्शीश तलब करने वाला जिसकी मै मगफिरत कर दु |

कुरान ऐ मजीद मे भी इस नमाज़ का जिक्र है , कि जो भी tahajjud पढ़ने वाला है वो जन्नत के बागों मे होगा यानि रात के तिहाई और आखिरी हिस्से मे नमाज़ पढ़ने वाला है | हुज़ूर ऐ पाक सल्ल ० का इरशाद है कि जो शख्स अल्लाह का कुर्ब हासिल करना चाहे वो रात के कुछ (तिहाई) हिस्से मे उठकर नमाज़ पढ़ा करे |

Tahajjud ki namaz

दोस्तों इस नमाज़ के पढ़ने से हर परेशानी दूर हो सकती है | चाहे परेशानी कुछ भी हो जैसे कोई कारोबार को लेकर परेशान है ,तो कोई रिश्ते न होने की वजह से परेशान है |बीमारी खतम नहीं हो रही या फिर और कोई उलझन है |

लोग अपनी परेशानी दूर करने के लिए तावीज़ों मे लग जाते है झाड फूँक मे ध्यान देने लगते है और ढोंगियों के पास जाते है | लेकिन कुछ देर नमाज़ पढ़कर अल्लाह से दुआ नहीं मांगते | इसी वजह से अल्लाह भी उन्हे दुनिया की उलझनो मे डाल देता है |

आप सब भी Tahajjud के वक़्त उठकर नमाज़ पढे और अल्लाह से खूब रो-रोकर और गिड़गिड़ाकर दुआ मांगे | इनशाल्लाह आपकी सारी परेशानी दूर हो जाएगी |

और जब कोई अल्लाह का नेक बंदा Tahajjud के टाइम उठकर अल्लाह से दुआ माँगता है तो अल्लाह फरिश्तों को गवाह बना देता है | और उस बंदे की तमाम दुआ को कुबूल फरमाता है |

Tahajjud ki namaz ka tarika

इस नमाज़ का तरीका बहुत ही आसान है | अल्लाह के नजदीक सबसे ज्यादा महबूब नमाज़ यही है | जिस तरह हमारी और नफ़िल नमाज़ पढ़ी जाती है | उसी तरह हमारी Tahajjud ki namaz भी पढ़ी जाती है | इस नमाज़ मे दो-दो रकात की नियत बांधी जाती है |

दो-दो रकात करके आप चाहे 4 रकात पढ़ले या 6 पढ़ले या फिर 8 , 10 , या 12 भी पढ़ सकते है | अगर टाइम ज्यादा है तो आप 12 रकात पढ़ सकते है और टाइम कम है तो आप 2 या 4 रकात पढ़कर भी दुआ मांग सकते है |

हमारे नबी ज्यादातर 8 रकात पढ़ते थे| आपको जितनी रकात पढ़ने मे आसानी हो आप उतनी ही पढ़ सकते है |

Tahajjud ki namaz ki niyat

अक्सर लोग बहुत कन्फ्यूज़ रहते है कि इस नमाज़ की नियत कैसे बांधते है | तो हम आपको बता दे कि इस नमाज़ की नियत बहुत ही आसान है | जिस तरह और नफ़िल नमाज़ की नियत बांधी जाती है | उसी तरह इस नमाज़ की नियत भी बांधते है |

आप इस तरह इस नमाज़ की नियत कर सकते है | नियत करता / करती हु 2 रकात नमाज़ नफ़िल tahajjud की वास्ते अल्लाह के मुह मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर |

याद रखे की इस नमाज़ मे 2-2 रकात की नियत बंधती है | आप चाहे तो 4 रकात की नियत से भी बांध सकते है | इसमे कोई हर्ज नहीं है |

Tahajjud ki namaz ka time

इस नमाज़ का वक़्त ईशा की नमाज़ के बाद से शुरू हो जाता है | लेकिन इस नमाज़ का सबसे अफजल वक़्त सहरी का वक़्त है | जब आपके यहां सहरी का टाइम खतम होता है तो ठीक उसके एक घंटे पहले का वक़्त सबसे अफजल वक़्त माना जाता है |

तो बेहतर यही है की आप उस टाइम उठकर नमाज़ अदा करे और अगर इस वक़्त न उठ सके तो आप फ़जर से पहले-पहले इस नमाज़ को अदा सकते है | क्यूंकि इस नमाज़ का वक़्त फ़जर की नमाज़ तक होता है और अफजल टाइम हमने आपको ऊपर बता दिया है |

tahajjud ki namaz sunnat hai ya nafil

बहुत से हजरात को ये मालूम नहीं होता की ये नमाज़ नफ़िल है या सुन्नत | तो हम आपको बता दे की ये नमाज़ वैसे तो नफ़िल नमाज़ है लेकिन हमारे नबी सल्ल ० ने इस नफ़िल नमाज़ को सबसे ज्यादा अहमियत दी है | यानि वो इस नमाज़ को कभी नहीं छोड़ते थे |

तो इससे यही मालूम होता ही की ये नमाज़ सुन्नत है | क्यूंकि हमारे नबी सल्ल ० ने इस नमाज़ के पढ़ने की बहुत ही फ़ज़ीलत बताई है | और हमारे सहाबा इकराम और हमारे बुजुर्ग आन ऐ दीन इस नमाज़ को कभी नहीं छोड़ते थे |

Tahajjud ki namaz ki surat

आप इस नमाज़ मे कोई भी सूरह पढ़ सकते है | जो भी सूरत आपको याद हो अगर आपको सिर्फ २ सूरत याद है तो आप 1 रकात मे एक सूरत और दूसरी रकात मे दूसरी सूरत पढ़ सकते है | सलाम फेरने के बाद फिर से दोबारा वही सूरत पढ़ सकते है | लेकिन ज्यादा से ज्यादा सूरत याद करनी चाहिए |

इसके अलावा आप इस नमाज़ मे बड़ी सुरते भी पढ़ सकते है क्यूंकि एक लिहाज से ये नफ़िल नमाज़ भी है और नफ़िल नमाज़ मे बड़ी सूरत पढ़ने मे ज्यादा सवाब है | आप यू कन्फ्यूज़ न हो की हमने ऊपर इस नमाज़ को सुन्नत कहा है | लेकिन फरजो के बाद सबसे अहम अमल tahajjud है |

tahajjud ki namaz ki fazilat

नाज़रीन इस नमाज़ की बे शुमार , बे हिसाब और बहुत बड़ी-बड़ी फ़ज़ीलते है | यहां हम आपको कुछ फ़ज़ीलते बता दे रहे है |

  • जिस घर मे इस नमाज़ को कोई अदा करता है तो फ़रिश्ते उस घर को ऐसे पहचानते है| जैसे हम जमीन से आसमान की तरफ सितारों को पहचानते है | यानि वो घर सितारे की तरह चमकता है |
  • नबी करीम सल्ल ० ने इरशाद फरमाया जो रात के हिस्से मे नमाज़ पढता है तो अल्लाह दिन मे उसके चेहरे को नूर से मनव्वर कर देता है और चेहरे को रोशन कर देता है |
  • इस नमाज़ के पढ़ने से अल्लाह उस शख्स की दुआ जरूर कुबूल फरमाता है |
  • जो लोग इस नमाज़ को हमेशा पढ़ने की आदत बना लेगा तो अल्लाह तआला उसे जन्नत के बागों मे और जन्नत की नियामते अता फरमाएगा |
  • जो रात मे इबादत करता है तो उनकी तारीफ खुद कुरान ऐ मजीद मे की गई है |
  • इस नमाज़ के पढ़ने की फ़ज़ीलत इतनी बड़ी है की कुरान मजीद मे इसका जिक्र बहुत सी सूरतों मे हुआ है |
  • जो शख्स रात के तिहाई हिस्से मे इस नमाज़ को अदा करता है | तो अल्लाह उस शख्स की दुआ जरूर सुनता है और उस बंदे से बहुत खुश होता है |
  • फर्ज नमाज़ के बाद सबसे अफजल नमाज़ यही है यानि रात की नमाज़ |
  • इस नमाज़ को पढ़ने वाला मोमीन बंदों मे शामिल हो जाता है |
  • इस नमाज़ मे कुरान मजीद की तिलावत करने के भी बहुत फायदे है |

तो आप समझ गए होंगे की इस नमाज़ के पढ़ने की कितनी ज्यादा फ़ज़ीलते है | हमने आपको कुछ ही फ़ज़ीलत बताई है जिससे आप अंदाजा लगा सकते है की Tahajjud ki namaz पढ़ने के क्या फायदे है |

आज आपने क्या सीखा |

आज हमने बहुत कुछ सीखा है | जिसमे ये सब शामिल है Tahajjud ki namaz , Tahajjud ki namaz ka tarika , Tahajjud ki namaz ki niyat , Tahajjud ki namaz ka time और इसके इलावा इसकी फ़ज़ीलत भी जानी है | उम्मीद है की आपको ये हमारी पोस्ट पसंद आई होगी  | और अल्लाह से दुआ है की हर मुसलमान भाई-बहन को नमाज़ ऐ tahajjud पढ़ने की तौफीक अता फरमाए |

 

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